किसान आंदोलनः चंद्रशेखर का दावा ‘देश में अघोषित आपातकाल, किसान आंदोलन से डर गई तानाशाही हुकूमत’

नई दिल्लीः आज़ाद समाज पार्टी के सुप्रीम चंद्रशेखर आज़ाद रावण कल शाम गाज़ीपुर पहुंचे, जहां उन्होंनें राकेश टिकैत के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन के धरने को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले शाहनीनबाग़ में भाजपा के लोग भेजकर माहौल खराब करने की साजिश रची थी, वैसे ही अब किसान आंदोलन में हिंसा करके उसे बदनाम करने के लिये भाजपा के कार्यकर्ता भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी हरकतों से बाज आए, वरना इसी गाजीपुर में अपने एक लाख आदमी लाकर बैठा देंगे।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

आज़ाद समाज पार्टी के सुप्रीमो ने कहा कि कल सिंघु बॉर्डर पर इंटरनेट बंद करके RSS के गुंडों ने आतंक मचाया था। आज गाजीपुर बॉर्डर के आसपास इंटरनेट बंद कर दिया गया है। आंदोलन में माहौल खराब कराने के लिए शायद कोई षड्यंत्र किया जा रहा है। ये अघोषित आपातकाल इस बात का सबूत है कि तानाशाही हकूमत किसानो के आंदोलन से डर गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों के साथ ज़ुल्म की सारी हदें पार कर दी है।

चंद्रशेखर ने कहा कि दलितों ने भी सरकार का ये जुल्म बार-बार झेला है। हम किसानों के दर्द को समझ सकते हैं। हमारा दर्द का रिश्ता बन गया है। हम मिलकर इस ज़ुल्मी निज़ाम से लड़ेंगे। मैं और हमारी पार्टी किसानों के इस संघर्ष में उनके साथ है। बता दें कि 28 जनवरी की शाम को किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया से बात करते हुए रो पड़े थे, इसका बाद पश्चिमी यूपी और हरियाणा से भारी संख्या में किसान गाजीपुर के लिये रवाना हो गये, और उजड़ने की कगार पर पहुंचे गाजीपुर किसान आंदोलन को फिर से नई जिंदगी दे दी।