हरिद्वार में आयोजित हुई जहरीली धर्म संसद के खिलाफ विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी लगातार आवाज़ उठा रहे हैं। अमेरिका में प्रवासी भारतीयों के समूह के साथ ही जेनोसाइड वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस मामले में अमेरिकी संसद में सुनवाई कराने की कोशिश कर रहे हैं। हरिद्वार में हुई धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार की बातें की गईं और उसके बाद उत्तराखंड की पुलिस का रवैया भी इस मामले में बेहद खराब रहा।
Modi’s 2002 Gujarat genocidal model is being implemented across India#StopIndianMuslimGenocide pic.twitter.com/DGADf8y3Re
— Indian American Muslim Council (@IAMCouncil) January 16, 2022
जेनोसाइड वॉच के अध्यक्ष ग्रेगरी स्टेनटेन ने कहा कि हम इस मामले में दो दलों वाले लैंटोस मानवाधिकार आयोग द्वारा सुनवाई कराने की मांग कर रहे हैं। ग्रेगरी ने यह बात प्रवासी भारतीयों के समूह के द्वारा आयोजित एक ब्रीफिंग में कही। इन समूहों में इंडियन अमेरिकन मुसलिम काउंसिल और हिंदूज ह्यूमन राइट्स आदि शामिल थे।
ग्रेगरी ने कहा कि इस सुनवाई का उद्देश्य भारत की नरेंद्र मोदी सरकार को इस बात की चेतावनी देने का है कि उसे नरसंहार के उकसावे की निंदा करनी चाहिए। कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, नीदरलैंड, जर्मनी, न्यूजीलैंड सहित कई मुल्कों में रह रहे हिंदू, मुसलिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों ने 8 जनवरी को ट्विटर पर #StopIndianMuslimGenocide नाम से हैशटैग चलाया और धर्म संसद में भाषण देने वाले वक़्ताओं की गिरफ़्तारी की मांग की।
यूनाइटेड स्टेट कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम भी मुसलमानों के नरसंहार के भाषणों के मामले में सुनवाई कर सकता है। ग्रेगरी ने कहा कि यूरोप में जेनेसाइड वॉच के सदस्य कोशिश करेंगे कि यूरोप की संसद में भी भारत में हुए नरसंहार के भाषणों को लेकर इसी तरह का संकल्प लाया जाए।
यहां यह बताना जरूरी होगा कि अमेरिकी होलोकास्ट मैमोरियल म्यूजियम ने भारत को नरसंहार के खतरे वाले देशों की सूची में दूसरे नंबर पर रखा है। भाजपा को विदेशों में सक्रिय अपने समर्थकों से बड़ी ताकत मिलती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशों में दौरे के दौरान ये समर्थक खुलकर बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। लेकिन हरिद्वार की धर्म संसद के बाद प्रवासी भारतीयों ने मोदी सरकार से इस पर जवाब देने और इसमें शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग को उठाया है।
उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए काफी दिनों बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया जबकि बाकी लोग पूरी तरह आजाद घूम रहे हैं। एक अन्य अभियुक्त यति नरसिंहानंद सरस्वती की गिरफ्तारी एक दूसरे मामले में हुई है।
हरिद्वार की धर्म संसद में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, यति नरसिंहानंद सरस्वती, पूजा शकुनि पांडे उर्फ साध्वी अन्नपूर्णा, वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफरती भाषण दिए और नरसंहार की बातें कहीं। प्रबोधानंद गिरि की फोटो कई भाजपा नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर आ चुकी हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हैं।