नई दिल्ली/मुरादाबादः जाने माने नौजवान शायर और कांग्रेस के फायरब्रांड नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने विवादित नागरिकता क़ानूने के ख़िलाफ चौतरफ मोर्चा संभाला हुआ है। आज वे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के ईदगाह मैदान में थे, जहां उन्होंने नागरिकता क़ानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन को संबोधित किया। बता दें कि इमरान प्रतापगढ़ी ने साल 2019 में लोकसभा का चुनाव भी मुरादाबाद से ही लड़ा था। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अवाम के आंदोलन के बदौलत एक इंच भी पीछे न हटने का दावा करने वाली सरकार अब थोड़ा थोड़ा पीछे हट रही है।
उन्होंने कहा कि यह लड़ाई संविधान बचाने की लड़ाई है, यह लड़ाई हिन्दुस्तान बचाने की लड़ाई है, इसीलिये हम सड़कों पर हैं। इमरान ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार कह रही है कि फिलहाल एनआरसी नहीं लाऐंगे, हमें इस फिलहाल पर यक़ीन नहीं है, सरकार लिखित में दोनों सदनों में दे कि वह एनआरसी नहीं लाएगी। उन्होंने मांग की यह आंदोलन सीएए में संशोधन होने तक जारी रहेगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि या तो सीएए में फिर से संशोधन करके उसमें मुसलमानों को भी शामिल किया जाए या फिर उसी क़ानून को लागू किया जाए जो पहले से मौजूद था, जिसके तहत पाकिस्तान की अभिनेत्र सलमा आग़ा, अदनान सामी आदि को नागरिकता दी गई है।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि शाहीन बाग़ में चल रहे आंदोलन को बदनाम करने के लिये भाजपा नेताओं द्वारा मनमानी टिप्पणियां की गईं हैं। कल दिल्ली का चुनाव हो जाएगा, उसके बाद विवादित बयान आने भी बंद हो जाऐंगे। इमरान ने कहा कि यह देश सेक्यूलर देश है, इसे किसी भी क़ीमत पर कट्टरपंथी राष्ट्र नहीं बनने देंगे। उन्होंने ईदगाह में मौजूद पुलिसकर्मियों पर चुटकी लेते हुए संस्कृत एक श्लोक सुनाकर उसका अर्थ बताते हुए कहा कि जहां महिलाऐं हों वहां देवता वास करते हैं, इसलिये महिलाओं का सम्मान करना सीखिए, ये आंदोलनकारी महिलाऐं आपके हिस्से की भी लड़ाई लड़ रही हैं।
प्रशासन नहीं चाहता था इमरान आऐं
बता दें कि इमरान के आने की ख़बर शहर में आग की तरह फैल चुकी थी, जिसके बाद ईदगाह का मैदान खचाखच भर गया, प्रशासन और एक सेक्यूलर पार्टी के नेता नहीं चाहते थे कि इमरान ईदगाह में शाहीन बाग़ की तर्ज पर चल रहे आंदोलन को संबोधित करें, भारी संख्या में पुलिस, पीएसी तैनात की गई, लेकिन इसके बावजूद इमरान मुरादाबाद पहुंचे और विवादित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ आवाज़ बुलंद की, इमरान ने ईदगाह आंदोलन को संबोधित करने के दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और राष्ट्रगान भी गाया.