अगर हम एजबेस्टन में जीते तो यह भारत की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक होगी: पुजारा

लेस्टर: भारत लगभग एक साल से इतिहास रचने के शिखर पर है। भारत ने पिछले साल सितंबर में पांच मैचों की सीरीज़ में 2-1 की बढ़त के साथ इंग्लैंड छोड़ दिया था। अब आख़िरकार यह सीरीज़ एक जुलाई से दोबारा एजबेस्टन में शुरू हो रही है और अगर यह आख़िरी मैच भारत के पक्ष में गया तो चेतेश्वर पुजारा को लगता है कि यह भारत की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक होगी।

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बुधवार को लेस्टरशायर के ख़िलाफ़ अभ्यास मैच से इतर पुजारा ने बीसीसीआई वेबसाइट पर कहा, “मुझे लगता है कि सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे पास खिलाड़ियों का अच्छा ग्रुप है। हमारे पास अच्छे तेज़ गेंदबाज़ हैं। पिछले चार टेस्ट मैचों में जिस तरह से खिलाड़ियों ने अच्छा किया है, मुझे पूरा विश्वास है कि ऐसा ही प्रदर्शन करने के लिए खिलाड़ी उत्सुक होंगे और अगर हम यह मैच जीतते हैं और इंग्लैंड की सरजमीं पर सीरीज़ जीतते हैं तो मुझे लगता है कि यह भारत की सर्वश्रेष्ठ जीत में से एक होगी।”

जब यह सीरीज़ कोविड की वजह से रूकी थी तो भारत इसमें आगे था। केएल राहुल और जसप्रीत बुमराह ने लॉर्ड्स के मैदान पर आख़िरी दिन शानदार जीत दिलाई थी। ओवल में रोहित शर्मा ने दिखाया कि वनडे की आक्रामकता के इतर टेस्ट में उनके पास डिफ़ेंस की मास्टरक्लास है। बुमराह, मोहम्मद शमी के साथ उस दौरान शानदार दिखे तो मोहम्मद सिराज ने दबाव में कमाल का प्रदर्शन किया।

लेकिन अब चीज़ें जुदा हैं। ब्रेंडन मैकुलम टीम के कोच बन चुके हैं और कप्तानी बेन स्टोक्स के पास है। इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट खेलने की एक आक्रामक शैली को अपनाया है जिसने पहले ही उन्हें इतिहास बनाने में मदद की है। नए मैनेजमेंट के नेतृत्व में मात्र दूसरे ही मैच में उन्होंने विश्व चैंपियन न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 50 ओवर में 299 रन बनाकर जीत हासिल की थी। भारतीय खिलाड़ी भी अच्छी लय में हैं लेकिन ज़्यादातर खिलाड़ी टी20 क्रिकेट सीज़न खेलने के बाद आ रहे हैं, जबकि उनकी विरोधी टीम के खिलाड़ी पहले से ही टेस्ट क्रिकेट के रंग में रंग चुके हैं।

पुजारा ने कहा, “मुझे लगता है कि यह हमारे लिए अच्छी चुनौती है। हां हम सीरीज़ में 2-1 से आगे हैं, लेकिन उसी जगह यह इस सीरीज़ का सबसे अहम टेस्ट है। और जैसा कि आपने बताया कि यह बहुत लंबे समय बाद हुआ तो हमें बस दोबारा से एक साथ जुड़ना होगा। हमें बस अपनी ताक़त को समझना होगा।”

“अच्छी बात यह है कि हम यहां पहले ही पहुंच गए हैं। खिलाड़ियों ने यहां पर बहुत तैयारी की है। और हां, अगर हम अपनी ताक़त के साथ खेले, समझे कि एक टीम के तौर पर हमें क्या चाहिए और उन चार टेस्ट में हमें कैसे सफलता मिली तो हम उन चीज़ों को दोहरा सकते हैं।”

“लेकिन इंग्लैंड की टीम में भी कुछ बदलाव हुए हैं। तो हमें उनकी ताक़त को समझने की ज़रूरत है और उसके बाद अपनी रणनीति बनानी होगी। मुझे उम्मीद है कि सहायक स्टाफ़ और प्रबंधन रणनीति के बारे में बाद में बात करेंगे, लेकिन हमें इस अहम टेस्ट के लिए अच्छे से रणनीति बनानी होंगी।”

2007 में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ ने भारत को इंग्लैंड में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सीरीज़ जिताई थी, लेकिन उसके बाद से ऐसा नहीं हो सका है। 15 साल हो गए हैं और भारत के लिए पुजारा ने टीम से ड्रॉप होने के बाद दोबारा वापसी की है। श्रीलंका के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ से उन्हें बाहर कर दिया गया था। 34 वर्षीय बल्लेबाज़ के पास सीमिंग परिस्थितियों में खेलने का अच्छा अनुभव है, जिसका उन्होंने अप्रैल और मई में अच्छा उपयोग किया। काउंटी चैंपियनशिप डिवीजन टू में ससेक्स के लिए खेलते हुए उन्होंने आठ पारियों में 720 रन जड़ दिए थे।

पुजारा से जब उनके गेम प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि हम अलग अलग फ़ेज में अच्छी बल्लेबाज़ी करें। आपको पूरे समय अच्छी बल्लेबाज़ी करनी होगी लेकिन आपको गेम के फ़ेज को समझना जरूरी है। ड्यूक गेंद को देखते हुए आपको यह पक्का करना होगा कि जब यह नई हो तो आप कई विकेट नहीं गंवाए। जबकि एक बल्लेबाज़ के तौर पर आप को पुरानी गेंद की तुलना में अधिक सतर्क रहने की ज़रूरत है।”

“कई बार ऐसा समय आएगा जब गेंदबाज़ स्फुर्ती से भरे होंगे और वे अच्छे स्पेल करेंगे। आपको उसे समझने की ज़रूरत है। ऐसे भी समय आएंगे जब आप चौथे गेयर में होंगे, जब आप समझेंगे कि गेंद अच्छा नहीं कर रही है और गेंदबाज़ थके हुए हैं और इन्हीं लम्हों को भुनाना होगा। रन बनाना हमेशा अच्छा होता है, ख़ासतौर पर तब जब आप इंग्लैंड में खेल रहे हो जहां गेंद पूरे दिन हरकत करते रहती है।”