अलीगढ़: अलीगढ़ जिला पंचायत की बैठक में अलीगढ का नाम बदलकर हरिगढ करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव को यूपी सरकार को भेजा गया है। अलीगढ़ नाम बदलने के इस प्रस्ताव का AMU छात्रसंघ के निवर्तमान सचिव हुजैफ़ा आमिर रशादी ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर सिर्फ विनाश की राजनीति करती रही है। AMU छात्र नेता कहा कि अलीगढ़ का नाम बदलना तुष्टिकरण की राजनीति है।
हुजैफ़ा आमिर रशादी ने कहा कि अगले छ महीने में प्रदेश में चुनाव है सरकार ने जो वादे अलीगढ़ से किए थे स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर वो सारे वादे खोखले साबित हुए उन वादों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ने एक शिगूफ़ा छोड़ा है उससे कुछ नहीं होने वाला, क्या नाम बदलने से अलीगढ़ के हालात बदल जायेंगे, जो कुछ नही करते वो दूसरों के काम का नाम बदलते हैं। क्या इससे लोगों के मसले हल हो जाएँगे? क्या अलीगढ़ के बहते नाले बंद हो जाएंगे?
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का ख्वाब दिखा जनता के साथ धोखा करने वाले अब अपनी नाकामी को छिपाने के लिए और अवाम को बांटने के लिए के लिए तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। अलीगढ़ की खुद्दार अवाम को ये सोचना चाहिए की भाजपा सरकार उनके जज़्बात से बस खेल रही है।
हुजैफ़ा आमिर रशादी ने कहा कि वैसे भी अलीगढ़ की पहचान पूरी दुनिया में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से है जो की अपने आप में एक इतिहास है और उसे कोई मिटा नहीं सकता। उन्होंने कहा कि मैं अपील करूँगा अलीगढ़ की अमन पसंद अवाम से के आगे आकार अपनी तारीख़ और धरोहर को बचाये वरना वो दिन दूर नहीं जब आपको अपने बच्चे का भी नाम रखने से पहले सरकार से परमिशन लेना पड़ेगा।