नई दिल्लीः केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में लगे पुलिसबलों की सराहना करते हुए आज उन्हें आश्वस्त किया वे देश की आंतरिक सुरक्षा को संभाले और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी। शाह ने पुलिस स्मरणोत्सव दिवस के मौके पर आज यहां चाणक्यपुरी स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर देश भर के शहीद पुलिसकर्मियों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।
पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि वे आश्वस्त होकर पूरी तत्परता के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालें और मोदी सरकार उनके परिजनों को संभालेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण तथा उनके परिजनों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, जागरूक है तथा रहेगी। सरकार आने वाले दिनों में प्रशिक्षण, भर्ती तथा आधुनिकीकरण की दिशा में अनेक ऐसे कदम उठाने जा रही है जिससे पुलिस बल मजबूती के साथ देश सेवा कर सकेंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर आतंकवाद, साइबर अपराध और अन्य समस्याओं के कारण पुलिस की चुनौती बढी है तथा उसे विभिन्न आयामों तथा पहलुओं को ध्यान में रखकर काम करना पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए पुलिस का हर दृष्टि से आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में लगे पुलिसबल सेना के साथ मिलकर मुस्तैदी से अपना काम कर रहे हैं और अब सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने पर मदद ली जा रही है। इस दिशा में व्यापक स्तर पर काम हो रहा है जिसके बाद पुलिसबल प्रौद्योगिकी और अपनी तत्परता के सामंजस्य से देश को बेहतर तरीके से सुरक्षित कर पायेंगे।
देश में पुलिस और आबादी के अनुपात में कमी का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है और रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय तथा अपराध विज्ञान विश्वविद्यालय देश में पुलिसबलों तथा अपराधों की जांच से जुड़े वैज्ञानिकों की कमी को पूरा करने में बहुत बड़ा योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी प्रतिकूल परिस्थितियों में दिन रात सड़क पर रहकर देश सेवा कर रहे हैं और देश तथा सरकार को इस बात का पता है कि लोग उन्हीं के कारण त्यौहार मना रहे हैं और घरों में चैन की नींद सो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने शाहदत देकर देश के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि अब तक 35 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने देश सेवा में प्राणों की आहुति दी है। अकेले इसी वर्ष 264 पुलिसकर्मियों ने देश सेवा में अपने प्राण न्यौच्छावर किये। देश इनके बलिदान को कभी भुला नहीं सकता। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति और विशेष रूप से पूर्णबंदी को लागू कराने में पुलिसकर्मियों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिसबलों ने अग्रिम पंक्ति में रहकर इस लड़ाई में हिस्सा लिया और इस दौरान 343 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई। कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान में उनके इस बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा।
पुलिस स्मरणोत्सव दिवस आज के दिन हर वर्ष केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के उन दस जवानों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने 21 अक्टूबर 1960 को अपने से कई गुना अधिक चीनी सैनिकों का सीमा पर डटकर मुकाबला किया और देश रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी।