बधाई हो गारमेंट्स और फुटवियर व्यापारियों! एक जनवरी से आपके भी ‘अच्छे दिन’ शुरू हो रहे हैं, मोदी सरकार द्वारा एक जनवरी से 1000 रु से कम कीमत के कपड़ों और फुटवियर पर जीएसटी की दर 5 से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दी गयी है, अभी हजार रुपये से नीचे रेडीमेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था। हजार रुपये से ऊपर के कपड़ों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता था। अगले साल 2022 से सभी प्रकार के रेडीमेड कपड़ों पर पूरी तरह 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाएगा.
दुनिया मे ऐसा पहली बार होने जा रहा है इसके लिए एक बार मोदी जी को धन्यवाद बोलना ही पड़ेगा, दुनिया के 166 देशों में कपडे पर टैक्स की दर सबसे निचले स्लैब में रखी गई है लेकिन मोदी जी दुनिया के बेस्ट प्राइमिनिस्टर है इसलिए उन्होंने सिलेसिलाऐ वस्त्रों पर टैक्स की दर 12 प्रतिशत कर दी है।
मेरे शहर के अखबार में आज तीन फूल पेज के विज्ञापन सिर्फ ब्रांडेड कपड़ो की सेल के है। दरअसल गारमेंट्स व्यापारियो में हड़कंप मचा हुआ है गारमेंट कारोबारी थोक और रिटेल दोनों तरह के कपड़ों पर डिस्काउंट दे रहे हैं, सिले हुए कपड़े पर 1 जनवरी से जीएसटी 5 से बढ़कर 12 प्रतिशत हो ने के बाद दुकानों या शोरूम में रखा माल 7 फीसदी महंगा हो जाएगा। कोई भी कस्टमर ज्यादा पैसे देकर पुराना स्टॉक नहीं खरीदना चाहेगा। पुराने स्टॉक पर कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट तो 5 फीसदी की दर से मिलेगी, लेकिन टैक्स 12 फीसदी से ही लगेगा। ऐसे में यह टैक्स का बोझ पहले दुकानदार पर ही आएगा।
यह सिर्फ रेडीमेड इंडस्ट्री की परेशानी नही है बल्कि फुटवियर इंडस्ट्री भी इसकी चपेट में आ रही है छोटे बच्चों के जूते चप्पल, 1000 से कम कीमत के फुटवियर और हवाई चप्पल इंडस्ट्री पर जीएसटी की दरों में इजाफा होने जा रहा है। अभी तक चप्पल पर 5 प्रतिशत जीएसटी लग रहा था। नए वर्ष में चप्पल पर पांच के बजाए 12 प्रतिशत जीएसटी लगना शुरू हो जाएगा।
अकेले दिल्ली में कपड़े और फुटवियर की लगभग डेढ़ लाख दुकानें हैं और लगभग 20 हजार फैक्ट्रियां हैं। इन सबके अच्छे दिन आ रहे है रेडीमेड गारमेंट्स के व्यापार से जुड़े व्यापारी कह रहे हैं कि अगर 12 फीसदी जीएसटी लगा तो व्यापारी के पास पूंजी नहीं बचेगी और ना केवल हजारों छोटे छोटे कारखाने बंद हो जाएंगे बल्कि टैक्स चोरी बढ़ेगी और भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री का चीन-बांग्लादेश से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा।
व्यापारी तो प्रभावित होगा ही सबसे ज्यादा गरीब और मध्यवर्गीय तबके पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। कपड़ा और जूते चप्पल पहनना अब महंगा हो जाएगा कपड़ों की कीमतें तो 20 से 25 फीसदी महंगे होने का अनुमान है. ऐसे अच्छे दिन और महंगाई दिखाने के लिए मोदी जी का धन्यवाद तो देना ही पड़ेगा।
(लेखक आर्थिक मामलों के जानकार एंव स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)