नई दिल्लीः मुजफ्फरनगर जनपद की विभिन्न मस्जिदों व घरों में क्वॉरेंटाइन किये गये अलग-अलग प्रदेशों के एक सैकड़ा से ज्यादा जमातियों को जिला प्रशासन की अनुमति के साथ ही उनके घरों के लिए रवाना कर दिया गया. पहली खेप में महाराष्ट्र, तेलगाना, बिहार, आसाम व झारखंड के 114 जमाती निजी वाहनों से अपने घरों के लिए रवाना किये गये है. दरअसल इन जमातियों को लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही उन्हीं मस्जिदों में क्वॉरेंटाइन कर दिया गया था. जहां पर ये लोग रूके हुए थे. इनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. लेकिन लॉकडाउन में इनकी घर वापसी की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी. इसकी जानकारी जब पूर्व विधयक राव अब्दुल वारिस को मिली तो उन्होंने प्रयास शुरू किये.
पहली खेप में खतौली में क्वॉरेंटाइन 71 जमाती रवाना किये गये. ये जमाती महाराष्ट्र के अमरावती, तेलगाना, दिल्ली, बिहार व हरदोई जनपद के लिए रवाना किये गये है. जौला में क्वॉरेंटाइन 11 जमाती आसाम के लिए रवाना हुए. बघरा की मस्जिद आयशा में क्वॉरेंटाइन 15 जमातियों को राची के लिए रवाना किया गया हैं. झारखण्ड के राची की एक जमात पुरकाजी में रूकी हुई थी. इस जमात के भी 17 सदस्य बघरा के जमातियों वाली बस में ही एक साथ रवाना किये गये.
इसके साथ ही पहली खेप में शामिल जमातियों को अपने घरों पर ही ईद मनाने का मौका मिलेगा. यह सब पूर्व विधयक राव अब्दुल वारिस व उनके साथियों के सहयोग से ही सम्भव हो पाया. बघरा व पुरकाजी में स्थित जमात को वापस भिजवाने में कांग्रेस नेता अब्दुल्ला काजी व समाजसेवी हाजी अब्दुल रहमान लगे हुए थे. इध्र जौला के राव जमशेद ने अपने यहां की जमात को आसाम भिजवाने में अहम भूमिका निभाई. खतौली के हाफिज इसराईल व हाजी मुजम्मिल ने भी पूर्व विधायक राव वारिस का सहयोग लिया और उन्हें भी अपने यहां के जमातियों को वापस उनके घरो तक भिजवाने में सफलता मिली.
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, एसपी सिटी सतपाल अंतिल व नोडल अधिकारी डीडीसी का योगदान इन जमातियों द्वारा सराहा गया है. इधर झारखंड की जमात का बघरा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मेडिकल परीक्षण हुआ. सीएचसी पुरकाजी में भी इनकी थर्मल स्केनिंग कराई गई. अभी भी जनपद में कई जमात ओर बाकी रह गई है. जिनको अनुमति दिलाने का प्रयास किया जा रहा है.
समाजसेवियों ने कराई बसों की व्यवस्था
जमातों को अपने खर्च पर वापस भेजने की जिम्मेदारी भी समाजसेवियों ने उठाई. बघरा में कांग्रेस नेता अब्दुल्ला काजी व हाजी अब्दुल रहमान ने प्रयास करके पूर्व विधयक राव वारिस के जरिये अनुमति कराई एवं बसों की व्यवस्था भी कराई .
पूर्व विधायक राव वारिस के प्रयास को मिली सफलता
लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों में फंसे दो सौ से ज्यादा लोगों को पूर्व विधायक राव वारिस अपने गृह जनपदो में बुलवा चुके है. मुजफ्फरनगर, शामली, बुलन्दशहर व मेरठ के इन युवाओं ने अलग-अलग गुहार लगाई थी. जिसके बाद नागालैंड, सिक्किम, महाराष्ट्र आदि राज्यों से उन्होंने इन युवाओं को अफसरों से वार्ता करके घर वापस बुलवाया. अब सबसे बड़ी चुनौती दूसरे राज्यों की जमातो को वापस भेजने की थी. ऐसे में उन्होंने जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर इन जमातो को वापस भिजवाया. राव वारिस ने कहा कि जो भी प्रवासी मजदूर, जमाती या फिर बिछडे लोग हो, वे समय से अपने घर पहुंच जाये. उन्होंने जिला प्रशासन का आभार जताया.