मुग़ल बादशाह शाहजहां के जरिये करीब 400 साल पहले बनाई गई दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद आज अपनी बदहाली का रोना रो रही है। हालात ये बन गए है कि जगह-जगह से प्लसतर टूट कर गिर रहा है। कुछ दिनों पहले मस्जिद के मेहराब का कुछ हिस्सा टूट कर गिर गया, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन गनीमत यह रही कि इस वक्त मस्जिद में कोई नमाजी नहीं था। मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम जिम्मेदार लोगों से दरख्वास्त कर रहे हैं कि मस्जिद को बचाने के लिए आए। देखिए हमारी ये रिपोर्ट।
जर्जर हालत में मस्जिद
दीवारों में आई दरार, टूटकर गिरा मेहराब का मलबा और जगह-जगह से उखड़ा प्लास्टर। यह तस्वीरें मुगल बादशाह शाहजहां के जरिए बनाई गई दिल्ली की मशहूर फतेहपुरी मस्जिद की है। तस्वीरें देखकर ही अंदाजा हो जाता है। कि एक कदीमी और खूबसूरत मस्जिद को आज बदरंग करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। हालात ये आन पड़े हैं कि अब मस्जिद के नमाजियों और इमाम को बड़े हादसे का डर सता रहा है क्योंकि मीनार, मेहराब और दरो दीवार सब कुछ अपनी जगह छोड़ रहे हैं। करीब 400 साल पहले मुगल बादशाह शाहजहां ने इस मस्जिद को उस वक्त बनवाया था जब दिल्ली का लाल किला और जामा मस्जिद बनाई गई थी।
दिल्ली के चांदनी चौक की ऐतिहासिक फतेहपुरी मस्जिद की दीवारें टूटकर गिरने लगी है। पलस्तर दीवार छोड़ रहा है। मुगल बादशाह शाहजहां ने इसे करीब 345 साल पहले बनवाया था। ना ASI , ना दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड ना कोई और ज़िम्मेदार इस तरफ ध्यान देने को राज़ी है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। pic.twitter.com/k7wgBTaaC9
— shuaib raza شعیب رضا (@ShoaibRaza87) October 14, 2021
मस्जिद को बचाने की अपील
यूं तो यह मस्जिद एएसआई के तहत आती है और कई बार फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम एसआई के साथ-साथ दूसरे जिम्मेदार लोगों से भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन आज तक कोई भी काम नहीं कराया गया। पिछले दिनों ही मस्जिद के मेहराब का एक हिस्सा टूट कर गिरा और उसका मलबा आज भी मस्जिद में यूं ही पड़ा हुआ है।
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम कहते हैं कि हर जिम्मेदार आदमी को इसकी जानकारी दी है लेकिन कोई भी इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं मुफ्ती मुकर्रम एएसआई, दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड, सेंट्रल वक़्फ़ काउंसिल और दूसरे तमाम जिम्मेदार लोगों से दरख्वास्त करते हैं कि इस तारीख़ी मस्जिद को बचाने के लिए आगे आए और इसकी मरम्मत कराई जाए।
दिल्ली में तारीख़ी इमारतों की कमी नहीं है और इन्हें हिफाजत के साथ रखने की जिम्मेदारी के लिए हिंदुस्तानी हुकूमत ने एएसआई महकमा बनाया हुआ है. लेकिन फतेहपुरी मस्जिद के मामले में ना तो ऐसा ही ना ही दिल्ली वक्फ बोर्ड और ना ही दूसरा कोई जिम्मेदार महकमा ध्यान देने को राजी है या फिर अगर हालात यही रहे तो यह तारीख की धरोहर अपनी पहचान खो देगी।