ह्वाटसप ‘विषद्यालय’ के नफरतबाजों का शर्मनाक कृत्य, मुस्लिम शख्स की मुंहबोली बहन को लेकर फैलाया झूठ

फेक न्यूज फैलाने वाले बड़े टैलेंटेड लोग हैं. 18 घंटे मेहनत करते हैं. तबाही लाने वाले कम मेहनती नहीं होते. बस वे गलत दिशा में मेहनत करते हैं. ये बात मैं मीडिया में रहते हुए अपने अनुभव से कहता हूं. कुछ नजीरें पेश हैं.

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रक्षाबंधन पर बड़ी संख्या में खबरें आईं कि हिंदू और मुसलमान भाई बहनों ने मिलजुल कर राखी मनाई. पेड और अनपेड आईटी सेल के लिए यह पचा पाना थोड़ा मुश्किल है कि सब धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं. यहां आईटी सेल सक्रिय हो जाता है.

एक मैसेज फैलाया गया कि “काशीपुर में पूनम सागर नाम की एक लड़की आरिफ खान नाम के एक लड़के को अपना भाई मानकर राखी बांधती थी. लेकिन आरिफ ने भाई-बहन के इस रिश्ते को कलंकित कर दिया और पूनम का बलात्कार कर वीडियो बना लिया.” इस दावे के साथ एक अखबार की क्लिपिंग और एक तस्वीर भी साझा की गई. तस्वीर में एक ल​ड़की एक मुस्लिम भाई को राखी बांध रही है. पहली नजर में देखने पर लगता है कि सही में ऐसा हुआ होगा.

अब इसका फैक्ट चेक हुआ. तफ्तीश में पाया गया कि तस्वीर में दिख रहे युवक युवती दिल्ली के रहने वाले मोहम्मद सादिक और मीनाक्षी कश्यप हैं. वे दोनों मुंहबोले भाई बहन हैं. इन दोनों के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है. सादिक और मीनाक्षी ने बताया कि उनकी तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

अखबार की क्लिपिंग वाली घटना भी उल्टी निकली. काशीपुर में एक हिंदू युवक ने मुंहबोली बहन के साथ रेप किया था, लेकिन इस मामले में लड़की मुस्लिम है और लड़का हिंदू है. काशीपुर पुलिस ने बताया कि इस केस में मुकदमा दर्ज हुआ है, जांच चल रही है. इस फैक्ट चेक खबर का लिंक इनबॉक्स में है.

खबर कहीं की, फोटो कहीं की, दावा ऐसी घटना का जो दरअसल हुई ही नहीं. मेरी तो सरकार से अपील है कि फेकन्यूज फैलाने वाले फेकन्यूज का मायाजाल रचने में बड़ी मेहनत करते हैं. अगर सरकार इन पर रोक नहीं लगा सकती तो इन्हें देश का रत्न घोषित करते हुए इन्हें पुरस्कृत करे. फेकन्यूजिये बड़ी मेहनत करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा है कि फेक न्यूज का चलन महामारी की तरह बढ़ता जा रहा है. इस बाबत गंभीरता से समुचित पहल करनी होगी. झूठ को बेनकाब करना सार्वजनिक बुद्धिजीवियों का कर्तव्य है. हम लोग बुद्धिजीवी नहीं हैं तो क्या हुआ, नागरिक तो हैं. आइए झूठ का पर्दाफाश करें और अपने दोस्तों को बताएं कि सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट पर भरोसा न करें. यहां पर ज्यादातर चीजें फर्जी हैं. सनसनीखेज चीजों पर यकीन करने की जगह पुख्ता सोर्स पर यकीन करें. हर दावे पर शक करें और ​हर किसी से सवाल करें. सोशल मीडिया पर भरी गई अथाह सूचनाओं में से ज्यादातर हमारे आपके खिलाफ साजिशन डाली जाती हैं.