डीयू: शिवाजी कॉलेज द्वारा आयोजित “मल्टीवेरिएट एनालिसिस एंड स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडलिंग” पर ऑनलाइन लेक्चर शुरू

नई दिल्लीः महात्मा हंसराज फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, हंसराज कॉलेज के सहयोग से वाणिज्य विभाग, शिवाजी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित “मल्टीवेरिएट एनालिसिस एंड स्ट्रक्चरल इक्वेशन मॉडलिंग” पर एक राष्ट्रीय ऑनलाइन संकाय विकास कार्यक्रम शनिवार को शुरू हुआ। यह एक सप्ताह का एफडीपी 27 नवंबर, 2021 से शुरू हुआ और 3 दिसंबर, 2021 चलेगा।

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ऑनलाइन प्रोग्राम की शुरुआत शिवाजी कॉलेज में आयोजित किया गया था और इसमें शिक्षा जगत के प्रमुख नाम शामिल हुए। एफडीपी प्रोग्राम की संयोजक डॉ. किरण चौधरी ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि यह एफडीपी फैकल्टी, अनुसंधानकर्ताओं और उद्योग जगत के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होने वाली है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि डेटा का विश्लेषण करने के अलावा, यह एफडीपी प्रभावशाली लेखन कौशल को उभारने के लिए एक मंच प्रदान करता है। एफडीपी का मूल उद्देश्य विभिन्न विषयों में उत्सुक शोधकर्ताओं के अनुसंधान अभिविन्यास को प्रोत्साहित करना है। कार्यक्रम की संयोजक ने बताया कि यह एफडीपी सॉफ्टवेयर पर व्यावहारिक सत्र प्रदान करेगा जिसमें अनुसंधान के क्षेत्र में चुनौतियों और अवसरों का समाधान करने के लिए बहुत मददगार होगा।

शिवाजी कॉलेज के प्राचार्य और एफडीपी के संरक्षक प्रो. शिव कुमार सहदेव ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि प्रतिभागियों को केवल एक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के इरादे से इस एफडीपी में शामिल नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें एक गहन शोधकर्ता के रूप में सीखना भी चाहिए।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीसीयू), बिलासपुर के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल थे। उन्होंने सबसे पहले आयोजकों को इस शानदार ऑनलाइन एफडीपी के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि मुश्किल से 20-30% शोधकर्ता जो अपने शोध में परीक्षण लागू कर रहे हैं, उन्हें लागू परीक्षण का वास्तविक अर्थ पता है। उन्होंने प्रतिभागियों को याद दिलाया कि अनुसंधान केवल सांख्यिकीय उपकरणों के अनुप्रयोग के बारे में नहीं है। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि किसी तरह एक गलत धारणा है और प्रतिभागियों को केवल उन्हीं उपकरणों को लागू करने की सलाह दी जिनके बारे में वे जानते हैं।

इस अवसर पर महात्मा हंसराज संकाय विकास केंद्र के संयोजक प्रो. रामा, संकाय विकास केंद्र के समन्वयक डॉ. ज्योति भोला और एफडीपी समन्वयक डॉ. रमेश कुमार मलिक इस अवसर पर उपस्थित थे।

एफडीपी में भाग लेने वाले प्रमुख व्यक्तियों में प्रो. एच.के. ढांगी, वाणिज्य विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. मदन लाल, वाणिज्य विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, डॉ रमेश कुमार मलिक, एसोसिएट प्रोफेसर, शिवाजी कॉलेज, डॉ सतीश कुमार मित्तल एसोसिएट प्रोफेसर, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, डॉ. आशुलेखा गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून और डॉ. अजय चौहान, सह-संस्थापक, अनुसंधान शिक्षा मौजूद थे।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर तेजिंदर शर्मा, अध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भी मौजूद रहे।