नई दिल्लीः कई महीनों से जेल में बंद गोरखपुर त्रासदी के ‘हीरो’ डॉक्टर कफ़ील ख़ान के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को आदेश दिया है कि, 15 दिनों के अंदर याचिका का निस्तारण करें। बता दें कि सु्प्रीम कोर्ट ने ये आदेश डॉक्टर कफील की मां नुजहत के जरिए दाखिल की गई याचिका पर दिया है।
बता दें कि डॉक्टर कफ़ील ख़ान सीएए आंदोलन के दौरान से जेल में बंद हैं, उन्हें मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। डॉक्टर कफ़ील पर रासुका लगाया हुआ है। कफ़ील की रिहाई उनके परिवार समेत कई समाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने भी मांग की है। हाल ही में उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी डॉक्टर कफ़ील ख़ान को रिहा करने के लिये आंदोलन करने का एलान किया है. कांग्रेस की स्टार नेता प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस होनहार डॉक्टर को रिहा करने की मांग की थी।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर डॉक्टर कफ़ील ख़ान को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि “कफ़ील खान देश में जनसेवा करने के लिए एक प्रख्यात डॉक्टर हैं। आपको अवगत कराना आवश्यक है कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में जब बच्चे ऑक्सिजन की अनुपलब्धता की वजह से अपनी जान गंवा रहे थे, उस समय डॉक्टर कफील ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से उन्हें ऑक्सिजन उपलब्ध कराया था। उसी समय वह पूरे देश मे चर्चा में आये थे। उसके बाद से पूरे देश ने उनके जनसेवा के कार्यों को देखा है और सराहा है।
राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में संजय सिंह ने कहा कि कोरोना के संकटकाल के दौर में डॉक्टरों की देश को बहुत जरूरत है। ऐसे में नेक डॉक्टर को जेल में बंद करके सरकार एक प्रकार की सामाजिक क्षति कर रही है। संजय सिंह ने राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए अपने पत्र में लिखा कि डॉक्टर कफ़ील ने 107 स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 50,000 से ज्यादा लोगों को मुक्त में चिकित्सा सेवाएं दी हैं। वे लगातार समाज के लिए ऐसे नेक काम करते आए हैं।