हरियाणा उपचुनाव में कांग्रेस ने दर्ज की जीत, सैलजा बोलीं ‘यह जनता की जीत है’

चंडीगढ: हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने बरोदा विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत को प्रदेश की जनता की जीत बताते हुये कहा कि यह किसानों के खिलाफ बनाए गए कानूनों के खिलाफ जनता का फैसला है। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के तमाम अनुचित हथकंडे आजमाने के बावजूद सत्तारूढ गठबंधन को यहां हार का मुंह देखना पड़ा और ये साफ संदेश है कि जनता ने इन्हें नकार दिया है। कुमारी सैलजा आज बरौदा में कांग्रेस उम्मीदवार इंदुराज नरवाल की जीत के बाद दिल्ली स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं।

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उन्होंने कहा कि बरौदा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को बहुमत देकर बरौदा की जनता ने दिखा दिया है कि उन्हें न तो केंद्र की मोदी सरकार के तानाशाही भरे फैसले मंजूर हैं और न ही प्रदेश में भाजपा-जजपा की सरकार की कार्यप्रणाली ही जनहित में दिख रही है। इस चुनाव का परिणाम सीधे-सीधे केंद्र के काले किसान कानूनों के खिलाफ हरियाणा की जनता का फैसला है औऱ जनता ने साफ संदेश दे दिया है कि अब इन काले कानूनों की पैरवी करने वाली हरियाणा की भाजपा- जजपा सरकार की उल्टी गिनती शुरु हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां पिछली बार अलग अलग लड़ी थी, लेकिन इस बार मिलकर चुनाव लड़ी हैं, बावज़ूद इसके कांग्रेस की जीत का मार्जन दोगुणा से ज़्यादा हो गया, यानि भाजपा-जजपा का ये गठबंधन मिलकर भी कांग्रेस का मुकाबला नहीं कर पाया। इस चुनाव को जीतने के लिए प्रदेश सरकार ने तमाम हथकंडे अपनाए और हर तरह से वोटर्स को लुभाने की कोशिश भी की। लेकिन बरौदा की जनता ने मुफ्त सिलेंडर, मुफ्त शराब और वोट खरीदने के लालच को जिस तरह से नकार कर कांग्रेस की नीतियों का साथ दिया है उसके लिए वे लोग बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से किसानों के हितों की बात करती रही है और उनकी फसलों के समर्थन मूल्य के हक के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। बुधवार 11 नवंबर को भी कांग्रेस किसानों के हक के लिए पानीपत में एक ट्रेक्टर रैली का आयोजन करेगी, जिसकी अगुवाई प्रदेश कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल करेंगे।

कुमारी सैलजा ने दौहराया कि जब तक ये किसान विरोधी केंद्र और हरियाणा की सरकारें काले कानूनों में बदलाव नहीं करेंगी, तब तक कांग्रेस का संघर्ष जारी रहेगा और बरौदा उपचुनाव में जनता ने दिखा दिया है कि कांग्रेस के इस संघर्ष को हरियाणा की जनता का समर्थन अब मिल चुका है।