नई दिल्लीः देश को प्रथम आदिवासी जनजातीय महिला राष्ट्रपति मिलने की खुशी में संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने द्रौपदी मुर्मू और देशवासियों को हार्दिक बधाइयां दी हैं। संघ नेता ने कहा, “द्रौपदी मुर्मू को भारी बहुमत के साथ भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप राष्ट्रपति के रूप में गरीबों, पिछड़ों, आदिवासीयों व वंचितों लिए काम करेंगी।”
साथ ही साथ खास तौर पर इंद्रेश कुमार ने एनडीए सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हार्दिक बधाइयां दी जिन्होंने इतना क्रांतिकारी कदम उठा कर भारत की छवि को और बेहतर बनाने का काम किया है। संघ नेता ने कहा कि द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बना कर सरकार ने दिखा दिया है वह किसी एक जाति, समुदाय या व्यक्तिविशेष को लेकर नहीं बढ़ती बल्कि सरकार का मकसद और उद्देश्य सबके साथ, सबके विकास और सबके विश्वास में है।
इस मौके पर संघ नेता ने कहा कि भारत, भारतीय और भारतीयता की सच्ची ताकत क्या है आज भारत और विश्व ने इसको देख, जान और पहचान लिया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी जनजातीय द्रौपदी मुर्मू एक बेटी हैं भारत की और समाज की बहन और मां जैसी है जो राष्ट्रपति पद के लिए भरी मतों से विजई हुई हैं। वरिष्ठ नेता ने कहा कि सारा देश जाति, दल, प्रांत, भाषा और धर्म से ऊपर उठ कर इन खुशियों को मनाएंगे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की राष्ट्रपति के हैं और उन्हें इसी रूप में देखा जाना चाहिए। कुमार ने कहा कि भारत विश्व का एक श्रेष्ठ राष्ट्र है इसलिए अग्रणी नेताओं के रूप में आज से द्रौपदी मुर्मू की गिनती शुरू हो गई है। इस कामयाबी के लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच और देश के सभी लोगों की ओर से हार्दिक बधाइयां एवं अनंत असीम शुभकामनाएं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक ने इस मौके पर विपक्ष की तीखी आलोचना कहते हुए कहा कि अच्छा होता कि विपक्ष अपना कैंडिडेट देने की जगह पर सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुनता। परंतु विपक्ष ने यह मौका गवां कर द्रोपदी मुरमुर की घोषणा किए जाने के पहले ही अपना कैंडिडेट दे दिया।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने सबसे पहले देश को उत्तर प्रदेश जैसे बड़े प्रदेश में मायावती के रूप में एक दलित मुख्यमंत्री दिया जब बीजेपी की सीट बीएसपी की सीट से कहीं अधिक थी। बीजेपी ने ही एक मछुआरे के बेटे के रूप में एपीजे कलाम को देश का राष्ट्रपति बनाया जबकि तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने अपना अलग उम्मीदवार उतारा। यहां तक कि कलाम जैसे देश के सच्चे सिपाही को भी कांग्रेस समेत सभी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने दुबारा राष्ट्रपति बनने का मौका नहीं दिया।
इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा कि इसी प्रकार रामनाथ कोविंद के रूप में बीजेपी ने ही देश को एक दलित राष्ट्रपति दिया। कोविंद उत्तर प्रदेश से राष्ट्रपति बनने वाले प्रथम व्यक्ति रहे। साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि बीजेपी ने ही एक ऑटो चालक से नेता बने व्यक्ति को एक राज्य का मुख्यमंत्री की कमान सौंप दी जबकि आंकड़े और अनुमान बीजेपी नेता के मुख्यमंत्री बनने के ही चारों तरफ थे।