नई दिल्लीः केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सुधार क़ानून का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई राज्यों से आए किसान दिल्ली की सहदों पर डेरा डाले हुए हैं। हालांकि अब तक 22 किसानों ने सर्दी की वजह से अपनी जान भी गंवाई है। इन 22 किसानों में धर्मगुरु बाबा राम सिंह भी शामिल हैं। बाबा राम सिंह ने बीते रोज़ इन क़ानूनों के खिलाफ एक सुसाईड लिखकर खुद को गोली मार ली थी, जिस वजह से उन्होंने इस दुनिया से अलविदा कह दिया।
बाबा राम सिंह के अंतिम दर्शन को पहुंचे आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि यह शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। चंद्रशेखर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों काले क़ानूनों के ख़िलाफ अपना विरोध दर्ज कराकर शहादत पाने वाले बाबा राम सिंह जी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। मैंने आज बाबा के अंतिम दर्शन किए और वचन लिया है कि जब तक यह सरकार तीनों क़ानून वापस नहीं ले लेती मैं सुकून से नहीं बैठुंगा।
चंद्रशेखर ने बीते रोज़ बाबा राम सिंह द्वारा की गई खुदकुशी का ज़िम्मेदार केन्द्र सरकार को बताया था। उन्होंने कहा था कि किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ एवं किसानों पर सरकार के जुल्म से आहत बाबा राम सिंह जी की सिंधु बॉर्डर पर आत्महत्या बहुत ही दुःखद है। यह आत्महत्या नहीं है बल्कि केंद्र सरकार द्वारा की गई हत्या है। बाबा राम सिंह जी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। भावभीनी आदरांजलि।
बता दें कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सुधार क़ानूनों के पहले दिन से ही विरोध हो रहा है। भारी हंगामे के बीच ये क़ानून राज्यसभा में पारित हुए थे, इस दौरान कांग्रेस समेत कई और दलो के कुछ राज्यसभा सांसद रातभर संसद भवन के सामने धरने पर बैठे रहे थे। इसके बाद पंजाब से इन क़ानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरु हुआ, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में किसान आकर दिल्ली के चारों ओर डेरा जमाए हुए हैं। अभी तक 22 किसानों की सर्दी की वजह से मौत भी हो चुकी है।