Category: शख़्सियत

डायना नायड: जिसने वह कर दिखाया जिसे मानव इतिहास में आज तक कोई नहीं कर सका है…

शोएब अख्तर ने 161.3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से गेंद फेंक कर दुनिया का सबसे तेज़ गेंदबाज़ होने का एजाज़ हासिल किया था. महिलाओं की क्रिकेट में यह रेकॉर्ड….

ज़रा याद करो क़ुर्बानी: गेंदालाल दीक्षित, एक भूला बिसरा क्रांतिकारी और उसके साहसिक कारनामे

जाहिद ख़ान देश की आज़ादी कई धाराओं, संगठन और व्यक्तियों की अथक कोशिशों और कुर्बानियों का नतीज़ा है। गुलाम भारत में महात्मा गांधी के अंहिसक आंदोलन के अलावा एक क्रांतिकारी….

अवसाद से निकलने के लिए शायरा बनीं थीं मीना कुमारी

वीर विनोद छाबड़ा एक नहीं अनेक नायिकाओं ने ट्रेजिक किरदार किये हैं. लेकिन जिस ऊंचाई को मीना कुमारी ने छुआ, बहुत कम ने. वस्तुतः मीना महज़ बेहतरीन अदाकारा याद नहीं….

जन्मदिन विशेष: जाॅन एलिया, दिल से उतरकर, फिर दिलों पर छा जाने वाला शायर

एक ही फ़न तो हमने सीखा है जिससे मिलिए उसे खफा कीजिए हां, मैं अमरोहे का था, भारत का था, भारत का ही रहा. मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद जानते हैं कि….

जन्मदिन विशेष: दिलीप कुमार ‘बड़ी मुश्किल से होता है, चमन में दीदा-वर पैदा’

ज़ाहिद ख़ान अदाकारी के अज़ीमुश्शान बादशाह दिलीप कुमार उर्फ दिलीप साब आज हयात होते, तो 11 दिसम्बर को अपना 99वां जन्मदिन मना रहे होते। लेकिन इस साल 7 जुलाई को….

तो दुनिया के इस महान मुक्केबाज़ ने इस तरह अपनाया था इस्लाम, और कैसियस क्ले से बन गए मोहम्मद अली

अमरीका के महान मुक्केबाज़ मोहम्मद अली ने सार्वजनिक रूप से 1964 में इस्लाम कबूल किया था। मोहम्मद अली के जीवन के लिए यह बेहद असाधारण क़दम था। उनके आलोचक इस्लाम….

जन्मदिन विशेष: त्याग की मूरत सोनिया, इटली से आई भारत की इस बहू जो भारतीय संस्कृति में रच बस गई…

इस्लाहुद्दीन अंसारी जितनी वो त्याग की मूरत हैं उतनी ही वो साहस और संयम की जीती जागती मिसाल भी हैं। दुनियाँ के सबसे बड़े लोकतंत्र के शीर्ष पद को दो….

जन्मदिन विशेष: धर्मेन्द्र किस तरह बने सिनेमा से सियासत के ‘ही मैन’

पंजाब के फगवारा में 08 दिसंबर 1935 को जन्में धर्मेन्द्र का रुझान बचपन के दिनों से ही फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे। वर्ष 1958 में….

शख़्सियत: कांशीराम के अग्रदूत थे डॉक्टर अब्दुल जलील फरीदी

साकिब सलीम पिछले तीन दशकों में सामान्य रूप से और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश (यूपी) में भारत की चुनावी राजनीति की कहानी बहुजन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जमा अनुसूचित….

पुण्यतिथि विशेषः असरार-उल-हक़ ‘मजाज़’ हम पर है ख़त्म शामे-ग़रीबाने-लख़नऊ

ज़ाहिद ख़ान ‘‘फ़िराक़ हूं और न जोश हूं मैं, मजाज़ हूं सरफ़रोश हूं मैं।’’ शेर-ओ-अदब की महफ़िल में जब भी ग़ज़लों-नज़्मों का जिक्र छिड़ता है, मजाज़ लखनवी का नाम ज़रूर….