Category: शख़्सियत

कपिल देव जैसा कोई नहीं हो सका, हो भी नहीं सकता

1983 के वर्ल्ड कप क्रिकेट के समय मैं बारहवीं में पढ़ता था. हॉस्टल में रहता था जहाँ सुबह साढ़े पांच से शुरू होकर रात साढ़े दस बजे खतम होने वाली….

ज़रा याद करो क़ुर्बानी: बहादुरी और आन-बान-शान से अंग्रेजों से लड़ने वाले मौलवी अहमदुल्लाह शाह फैज़ाबादी

हमारे स्वाधीनता संग्राम का इतिहास उतना ही नहीं है जितना आज तक लिखा और हमें पढ़ाया गया है।उस संग्राम के कुछ ऐसे नायक भी रहे थे जिन्हें इतिहास और जनमानस….

क्रांतिकारी ‘बिस्मिल’ थे अशफाक़ उल्लाह खान के ‘राम भैया’

अमित त्यागी  मरते बिस्मिल रोशन लहरी अशफाक़ अत्याचार से,  होंगे   पैदा    सैंकड़ों  उनके रुधिर की धार से। भारत के स्वाधीनता संग्राम में काकोरी कांड का एतेहासिक महत्व है। 1925 आते….

उर्दू अदब का बदक़िस्मत शायर-नग़मा निगार: असद को तुम नहीं पहचानते ताज्जुब है….

जाहिद ख़ान उर्दू अदब और फ़िल्मी दुनिया में असद भोपाली एक ऐसे बदक़िस्मत शायर-नग़मा निगार हैं, जिन्हें अपने काम के मुताबिक़ वह शोहरत, मान-सम्मान और मुक़ाम हासिल नहीं हुआ, जिसके….

बीबी अम्तुस सलाम: मानवता को समर्पित उस ज़माने की आयरन लेडी

पुष्य मित्र बीबी अम्तुस सलाम एक तसवीर में गांधी जी के हाथ से संतरे का जूस पी रही हैं। यह वाकया नोआखली के शिरंडी गांव का है। जनवरी, 1947 का।….

भीम सिंह का सफ़रनामा, जब सद्दाम ने उन्हें अपना केस लड़ने के लिए बुलाया, यासिर अराफात थे उनके फैन

साल 2005 में जब इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन मानवता के खिलाफ क्राइम का ट्रायल फेस कर रहे थे तब उनकी इच्छा थी कि वो जम्मू कश्मीर के नेता भीम सिंह….

निस्वार्थ मदद की बेहतरीन मिसाल हैं सुधा मूर्ति

इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन सुधा मुर्ति टाइम्स ऑफ़ इंडिया  में छपे अपने एक निजी संस्मरण को कुछ इस तरह बताती हैं कि, ये गर्मियों की शुरुआत थी, मैं गुलबर्गा से….

होदा खामोश: वह अफ़ग़ानी महिला पत्रकार जिसका TIME ने दुनिया की 100 सबसे अज़ीम हस्तियों में शुमार किया

उनके सिर पर यह खतरा लगातार मंडरा रहा है कि वह कभी भी मारी जा सकती हैं, मगर होदा खामोश ओस्लो से ही दहाड़ती हैं- ‘मैं रहूं न रहूं, यह….

शफीक़ उल हसन: मिलिए हमारे समय के असली पत्रकार से

समाचार क्या है? यह पहला सवाल है जो हमसे डेढ़ दशक से भी पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) में एडमिशन के बाद सबसे पहले पूछा गया था।….

बेगम अज़ीज़ा फ़ातिमा इमाम: जिन्हें विरासत में मिली सियासत

बेगम अज़ीज़ा फ़ातिमा इमाम का जन्म 20 फ़रवरी 1924 को पटना में हुआ था। उन्हें अज़ीज़ा इमाम के नाम से ही जाना गया। उनके वालिद का नाम डॉक्टर वली अहमद….