Category: शख़्सियत

भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे युवा स्वतंत्रता सेनानी में से एक थे शाहरुख ख़ान के पिता मीर ताज मोहम्मद ख़ान

मैंने कभी भी बॉलीवुड अभिनेता व अभिनेत्री के बारे में कुछ नहीं लिखा, इसकी वजह मुझे इस क्षेत्र में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है। मेरे नज़दीक समाज व देश के लिए….

यादों में हामिद अली ख़ान उर्फ अजित: संवाद अदायगी के बेताज बादशाह, सिने जगत में चार दशक तक जिसने मचाई धूम

बॉलीवुड में अजित का नाम एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपनी विशिष्ट अदाकारी और संवाद अदायगी के जरिये सिनेप्रेमियों के दिलों में खास पहचान….

बेनज़ीर भुट्टो: कभी एक 28 साल की लड़की तानाशाह से लड़ कर प्रधानमंत्री बनी थी

“मेरी आपबीती” बेनज़ीर भुट्टो की कहानी,बेनज़ीर जिसके बाप बिना किसी गुनाह के सिर्फ अपने फायदे के लिए फांसी पर लटका दिया गया। जिस पर इतने ज़ुल्म किये गए कि लिखते….

जब मोहम्मद रफ़ी को नौशाद ने डिप्रेशन से बाहर निकाला

वीर विनोद छाबड़ा ‘आराधना’ (1969) की रिलीज़ ने तहलका मचा दिया था. हर तरफ सिर्फ़ दो ही के नाम की गूंज थी, राजेश खन्ना और किशोर कुमार…रूप तेरा मस्ताना…हालांकि दो….

ग़ालिब के साथ सर सैयद अहमद: अनजान शख्स के लिये सर सैय्यद अहमद ख़ान पुश्तैनी घर तलाशना असंभव

मिर्जा मोहम्मद असादुल्लाह बेग खान यानी मिर्जा गालिब और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के  फाउंडर सर सैयद अहमद खान दिल्ली वाले थे। दोनों पड़ोसी भी थे। सर सैयद अहमद ‎‎ (….

उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान को डूब कर सुनिए, आप उन्हें देख तक सकते हैं.

उस्ताद गाना शुरू करते हैं लगता है जैसे कोई बड़े इत्मीनान से लम्बे सफ़र पर निकल रहा हो. महबूब के घर की डगर बेहद जानी-पहचानी है. तबला सुर में लाया….

यादों में किशोर: अपनी आवाज़ और अदाकारी और बहुमुखी प्रतिभा से लोगों को दीवाना बनाने वाला कलाकार

बॉलीवुड में किशोर कुमार को एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने न सिर्फ पार्श्वगायन से बल्कि अभिनय,फिल्म निर्माण,निर्देशन और संगीत निर्देशन से भी लोगों को….

“ज़िंदा क़ौमें पांच साल इंतज़ार नहीं करतीं” जैसा नारा देने वाले डॉ. लोहिया अगर आज ज़िंदा होते तो किसान आंदोलन…

कल्पना कीजिए, यदि आज डॉ. लोहिया जीवित रहते तो, साल भर से हो रहे किसान आंदोलन में, उनकी क्या भूमिका रहती। लोहिया को जानने वाले और उस कुजात गांधीवादी के….

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: एक क्रांतिकारी और दूरदर्शी राजनेता, जिनकी बदौलत हुआ आधुनिक भारत का निर्माण

सबसे कठिन होता है धार्मिक कट्टरता और धर्मान्धता से उबल रहे समाज में अपने उन मूल्यों को बनाये रखना, उन पर टिके रहना और उनका पक्ष रखना, जो सार्वभौम और….

नेहरू, और प्रोमीथियस: वह इतना बुरा था कि जब दुनिया बमों के ढेर पर बैठी थी, तब भी शांति की बात करता था…

पीयूष बेबले जब जब नेहरू का जिक्र आता है तो मुझे यूनान के एक पुराने देवता प्रोमीथियस, जिसे हिंदी में प्रमथ्यु भी कहते हैं, की कथा याद आती है. प्रोमीथियस….