Category: चर्चा में

प्रियदर्शन का लेख: यह हमारी शर्म का इम्तिहान है

घर बहुत मुश्किल से बनते हैं। घर बनाने में कई बार लोगों की उम्र निकल जाती है। उनमें लोग ही नहीं रहते, स्मृतियां भी रहती हैं। वे धीरे-धीरे हमारे साथ….

गोदी मीडिया को प्रधानमंत्री ने दिया रोज़गार, रोज़गार के बहाने करो गुणगान

भारत के युवाओं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आज गोदी मीडिया एकजुट होकर रोज़गार पर चर्चा करेगा। अब चर्चा प्रधानमंत्री की ज़्यादा होगी या रोज़गार की, जब चर्चा होगी….

विक्रम सिंह चौहान का लेख: यह वक़्त मुसलमानों के साथ डटकर खड़े होने का है!

विक्रम सिंह चौहान इस वक़्त आप बहाने बना रहे हैं मतलब आप संघियों के साथ है। आपने हमेशा बहाना बनाया है तब भी जब पिछले 8 साल में 40 से….

कृष्णकांत का लेख: मुसलमानों के प्रति BJP-RSS की बेतुकी नफरत अब देश के लिए नासूर बन रही है।

मुसलमानों के प्रति भाजपा-आरएसएस की बेतुकी नफरत अब देश के लिए नासूर बन रही है। मौजूदा नूपुर शर्मा मामले के बहाने सरकार एक बार फिर बर्बरता पर उतर आई है।….

जज्बात मुसलमानों को पीछे खीचेंगे, शिक्षा और खुला दिमाग आगे बढ़ाएंगे

शुक्रवार को जो हुआ उसकी आशंका किसी को नहीं थी। एक दो मुस्लिम संगठनों ने जरूर प्रिकाशन लेते हुए मुसलमानों से अपील की थी कि जुमे के दिन कोई बंद….

इमरान प्रतापगढ़ी को थाली में सजी नहीं मिली है वो डिज़र्व करते थे!

इस्लाहुद्दीन अंसारी इमरान को राज्यसभा थाली में सजी नहीं मिली है वो डिज़र्व करते थे, हिंदुस्तान के सबसे कामयाब और महंगे प्रोफेशनल शायर होने के बावजूद कांग्रेस के सबसे मुश्किल….

जब रतन लाल को जेल भेजा जा सकता है, तब नुपूर शर्मा और नवीन जिंदल गिरफ्तार क्यों नहीं?

सुसंस्कृति परिहार कल आज जुमा था। सामूहिक नमाज़ का दिन। इस दिन प्राय:प्राय:सभी मुस्लिम मस्जिद जाकर नमाज़ अदा करना अपना फ़र्ज़ समझते हैं।वैसे ही उपस्थिति ज़्यादा होती है लेकिन जिस….

रवीश का लेख: इन दिनों प्रधानमंत्री उधर देख रहे हैं, इसलिए इधर पर चुप हैं

इतना सब कुछ हो गया, प्रधानमंत्री की चुप्पी कुछ ऐसी है जैसे वे तो बारहवीं की परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं। पता ही नहीं था कि बाहर क्या….

मां-बाप ख़ुद शिकार हैं, बच्चों को मोबाइल की लत से कैसे निकालेंगे!

जब से स्फमार्ट मोबाइल फोन आम हो गया है तब से हरखास-ओ-आम इसकी दीवानगी में पागल होता जा रहा है। सोशल मीडिया, वीडियोज़, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्ट्राग्राम.. की दीवानगी आदत बनी….

धार्मिक विवाद: कीचड़ में पड़ा कोई शख्स सामने वाले को भी अपनी ही तरह कीचड़ में देखना चाहता है!

धर्मिक विवाद असल में क्या हैं? ऐसा मान लीजिए कि एक आदमी कीचड़ में है इसलिए वह सामने वाले को भी अपने जैसा देखना चाहता है। जिन समाजों में सभ्यता….