Category: चर्चा में

एक तरफ निराशा लोगों को मार रही है तो दूसरी तरफ भूख और तंगी कोढ़ में खाज साबित हो रही है

कृष्णकांत वे सिर्फ हाईवे पर नहीं मर रहे हैं. भूख और तंगी भी उन्हें उनकी चहारदीवारी में घुसकर मार रही है. सिर्फ आज ही 6 मजदूरों के आत्महत्या करने की….

दुनिया के दो बड़े देशों के मंत्रियों की प्रेस कांफ्रेंस, एक ने कोरनावायरस की वैक्सीन पर बात की, दूसरे ने राहुल गांधी पर गुस्सा

उर्मिलेश दुनिया के दो महत्वपूर्ण देशों की सरकारों की कोविड-19 को लेकर आधिकारिक प्रेस-ब्रीफिंग न्यूज चैनलों पर देखी. पहली ब्रीफिंग रही, अपने मुल्क की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की और….

लाखों मजदूर अपने दर्द की दास्तां बयां कर रहे हैं, लेकिन अफसोस! भारतीय मज़दूर संघ लापता है

अब्बास पठान “भारतीय मज़दूर संघ” जो कि भारत का सबसे बड़ा श्रमिक संगठन है। ये संगठन मज़दूरों के सबसे बुरे दौर में कहीं नज़र नहीं आ रहा। भारतीय मज़दूर संघ….

निर्मला सीतारमण बोल तो ऐसे रहीं हैं जैसे खुद ही दिल्ली के मजदूरों की गठरी लादकर ओडिशा और झारखंड छोड़कर…

कृष्णकांत निर्मला सीतारमण का कहना है कि राहुल गांधी अगर मजदूरों की मदद करना चाहते थे तो मजदूरों का सामान उठाकर उनके साथ पैदल कुछ दूर तक चलना चाहिए. तब….

अपने मास्टर का हो चुका है मध्यम वर्ग, इसे पैकेज नहीं, थाली बजाने का टास्क चाहिए

कोविड-19 भारत के मध्यम वर्ग का नया चेहरा पेश किया है। जिस चेहरे को बनाने में छह साल लगे हैं आज वो चेहरा दिख रहा है। आलोचक हैरान हैं कि….

राम पुनियानी का लेखः सुधीर चौधरी जैसे लोग कानून का चाबुक फटकारते ही वे चुप्पी साध लेते हैं

जिहाद के असली अर्थ को समझने की ज़रुरत जिहाद और जिहादी – इन दोनों शब्दों का पिछले दो दशकों से नकारात्मक अर्थों और सन्दर्भों में जम कर प्रयोग हो रहा….

भारतीय क़ानून और लॉकडॉउन की वैधानिकता

डॉ. फर्रुख़ ख़ान एडवोकेट एवं सौम्या मिश्रा एडवोकेट अब जबकि पूरा देश लॉकडाउन के बीच फंसा हुआ है, ये ज़रूरी हो गया है कि हम लॉकडॉउन का मतलब, इसकी उत्पत्ति….

रवीश का लेखः 20 साल बाद क्यों याद किया Y2K को मोदी ने, 21 वीं सदी का पहला ग्लोबल झूठ था

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई के अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि इस सदी की शुरूआत में दुनिया में Y2K संकट आया था, तब भारत….

मजदूरों के लिये सबसे ज्यादा भयावह रहा 11 मई का दिन, अलग अलग दुर्घटनाओं में क़रीब 15 मजदूरों ने गंवाई जान

कृष्णकांत कोई कमाने के लिए शहर जाता है तो इस उम्मीद से नहीं जाता कि अब कभी नहीं लौटेगा. वह परिवार को उम्मीद देकर जाता है कि पैसा कमाएगा और….

PM मोदी के नाम शंभूनाथ शुक्ल का ख़त, ‘अमित शाह को गुजरात भेज दें और विजय रूपानी को यहाँ बुला लें, और चिदंबरम..’

प्रधानमंत्री महोदय! आज आप देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। और आज के नहीं, बल्कि पिछले चार दशक से आप जैसा चमत्कारिक नेता नहीं हुआ। आपकी तुलना सिर्फ़ और सिर्फ़….