Category: चर्चा में

एक साल में अडानी ग्रुप के छः मामले सुप्रीम कोर्ट में आए, हर बार फैसला अडाणी ग्रुप के पक्ष में!

गिरीश मालवीय क्या ऐसा संभव है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने एक विशेष उद्योग समूह के मामले केवल एक बैंच के सामने आए और हर बार वह बैंच उस उद्योग….

डॉक्टर कफ़ील के बहानेः तो कोई बेगुनाह इन क़ैदखानों में नहीं मिलता….

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रासुका के तहत जेल में बंद डॉक्टर कफ़ील ख़ान को रिहा करने का आदेश दे दिया है।  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि डॉक्टर कफील….

आशूर में ताज़िएः उजाला और बढ़ता है, चरागों को बुझाने से…..

नवेद शिकोह सांइस, क़ुदरत, फितरत.. सब का ये सिद्धांत है कि जो चीज़ जितनी दबायी जाती है वो उतनी ही उभरती है। उस वक्त दुनिया के सबसे ताकतवर बादशाह यज़ीद….

आपको उस चैनल से डरना चाहिए जो स्पष्ट तौर पर आरोपी युवती को ‘ह’त्यारिन’ लिख सकता है

कृष्णकांत सुशांत सिंह राजपूत केस भारत के इतिहास में शायद सबसे खौफनाक केस के तौर पर दर्ज होगा. जांच प्र​क्रिया का ये नमूना बेहद अदभुत है जहां बाढ़ और महामारी….

रिटायरमेंट के बाद रिलायंस में क्यों सेवाएं दे रहें सरकारी अफसर? चौंकाने वाली है यह सच्चाई!

गिरीश मालवीय मुकेश अम्बानी को एक काम बखूबी आता है कि सरकार और अर्ध सरकारी संस्थानों के बड़े बड़े पदों से रिटायर होने वाले अधिकारियों को जोड़ लो उनसे यह….

सियासत और सहाफत का गठजोड़ एक समुदाय के लिये ज़मीन तंग कर देने पर तुला है।

प्रशासनिक सेवाओं में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व साढ़े तीन प्रतिशत ही है। कभी कभी यह आंकड़ा चार या साढ़े चार प्रतिशत तक पहुंचता है। लेकिन इसके बावजूद एक तथाकथित ‘भगवाधारी’ एंकर….

नवेद शिकोह का लेखः हिंदू और हुसैन के बीच यज़ीद बनकर आ गया कोरोना

मोहर्रम शुरू हो गया है. दुनिया में मशहूर लखनऊ की अजादारी इस बार बेरंग होगी. कोरोना महामारी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मोहर्रम के तमाम आयोजनों पर….

तो अब पाकिस्तान की जगह टर्की ने ले ली है?

नितेश सक्सेना और अगले दिन पाकिस्तान की जगह टर्की ने ले ली। हो सकता है टर्की को डराने के लिये छोटे अमबानी को पार्टी बनाकर “200 राफेल विद प्री इंस्टाल्ड….

अगर पीएम केयर्स फंड में कुछ गड़बड़ी नहीं है तो इसे संदिग्ध क्यों बनाया गया है?

कृष्णकांत अगर पीएम केयर्स फंड में कुछ गड़बड़ी नहीं है तो इसे संदिग्ध क्यों बनाया गया है? अगर सब ठीक है तो इसे ऑडिट या आरटीआई से मुक्त क्यों रखा….

फेसबुक ने रोहिंग्या के ख़िलाफ म्यांमार में जो किया वही भारत में कर रहा है

विश्वदीपक फेसबुक ने भारत में जो किया वह म्यांमार के मुक़ाबले कुछ भी नहीं. म्यांमार में “बुद्ध की सेना” ने फेसबुक का ही इस्तेमाल करके करीब 25-30 हज़ार रोहिंग्या मुसलमानों….