Category: चर्चा में

रवीश का लेख: सुप्रीम कोर्ट कमेटी भंग कर दे या फिर सदस्य इससे अलग हो जाएं

सुप्रीम कोर्ट के पास कमेटी के चारों सदस्य के नाम कहां से आए, आम जनता के पास यह जानने का कोई रास्ता नहीं लेकिन कमेटी के सदस्यों का नाम आते….

किसान आंदोलन को तोड़ने की सरकार की कवायद का हिस्सा है, बन रहा है, सुप्रीमकोर्ट

कभी-कभार के अपवादों को छोड़कर भारत के सुप्रीमकोर्ट के अधिकांश निर्णायक फैसले वर्ण-जाति व्यवस्था, पितृसत्ता, जमींदारों-भूस्वामियों के हितों की रक्षा और पूंजीवाद के पक्ष में रहे हैं यानि सुप्रीकोर्ट अपरकॉस्ट,….

भगत सिंह को फांसी न हुई होती तो भारतीय वामपंथ का अलग चेहरा उभरकर सामने आया होता!

डॉक्टर बी. आर. अम्बेडकर का निधन सन् 1956 में हुआ। उससे 25 साल पहले, भगत सिंह को 1931 में औपनिवेशिक हुकूमत ने फांसी दी थी। तब से अब तक गंगा….

किसान आंदोलन से और बेनकाब हुआ गोदी मीडिया, अब किसानों वर्ग में खोई विश्वसनीयता

प्रधानमंत्री मोदी बधाई के पात्र हैं कि उनके कार्यकाल में सबको आसानी से पता चल गया कि कौन पत्रकार है और कौन पक्षकार है। भारतीय मीडिया मुसलमानों के ख़िलाफ तो….

यूपी मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति चुनावः आम पत्रकारों को कभी ‘कसाई’ मारेगा तो कभी स्वाइन फ्लू!

उ.प्र.राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव का बिगुल बज चुका है। कोई जीते या कोई हारे कोई फर्क नहीं पड़ता। लखनऊ के मुख्यधारा के पत्रकार चाह कर भी….

राम पुनियानी का लेखः देशभक्ति, धर्म और संघी सोच

पिछले कुछ वर्षों से ‘देशद्रोही’ शब्द का काफी इस्तेमाल हो रहा है। देशद्रोही की परिभाषा बहुत स्पष्ट और सीधी-साधी है। जो भी आरएसएस या उसके कुनबे का आलोचक है, वह….

ओवैसी के साथ ‘सामाजिक विभाजन’ की तरफ बढ़ रहे मुसलमान!

भारत की मुस्लिम राजनीति में आज हर तरफ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ही दिखते हैं। टीवी, अख़बार, न्यूज़ पोर्टल और यू-ट्यूब चैनल्स पर ओवैसी छाए रहते हैं। वह काफी आक्रामक….

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजली बिरला के IAS बनने पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की बेटी अंजली बिरला इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। अंजली उन 89 उम्मीदवारों में शामिल है जिन्होंने छः जनवरी को आए संघ लोकसेवा….

इन दो मामलों में कैसे पाकिस्तान और भारत के सुप्रीम कोर्ट का फैसला बन गया नज़ीर

अभी हाल में पाकिस्तान और हिन्दुस्तान दोनों के सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे निणर्य दिए हैं जिससे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर आस्था और गहरी हुई है। पाकिस्तान में कुछ दिन पहले ….

किसान आंदोलनः बार-बार साफ नीयत हवाला देने वाली सरकार की नीयत ही किसानों की नजर में शक के घेरे में

जिस नीयत के साफ होने का बार-बार हवाला दिया जाता है, किसानों की नजर में वह नीयत ही शक के घेरे में है। सबसे पहला सवाल है कि अगर सरकार….