अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के दौरान साल 2016 में ही बुशरा की शादी हो गई थी. शादी के बाद वह अपने पति के साथ सऊदी अरब चली गई थी.
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इसे क्रैक करने में कई उम्मीदवारों को सालों लग जाते हैं. इसे क्रैक करने वाले उम्मीदवारों की कहानी प्रेरणादायक होती है. इसी कड़ी में आईएएस ऑफिसर बुशरा बानो की सफलता की कहानी यहां बताने जा रहे हैं. बुशरा बानो आज एक आईएएस अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं लेकिन उनके आईएएस बनने का सफर आसान नहीं था. साल 2018 में सिविल सर्विस परीक्षा क्रैक करने वाली बुशरा बानो को 277 रैंक हासिल हुई थी. इसके बाद साल 2020 में उन्होंने फिर से इस परीक्षा को क्रैक किया और इस बार उन्हें ऑल ओवर इंडिया में 234वां रैक प्राप्त हुआ था.
बुशरा एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में हुआ. वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की छात्रा रह चुकी हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के दौरान ही बुशरा की शादी हो गई थी. शादी के बाद वह अपने पति के साथ सऊदी अरब चली गईं क्योंकि उनके पति वहां प्रोफेसर थे.
बचपन से था IAS बनने का सपना: बुशरा बानो बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी. द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, शादी के बाद बुशरा बानो को यह लगने लगा था कि उनका आईएएस बनने का सपना अधूरा रह जाएगा. सऊदी अरब में वह काफी परेशान रहती थी और खुद से सवाल करती थी कि अपने देश के लिए वह क्या कर रही हैं?
शादी के दो साल बाद, डॉ बुशरा ने फैसला किया कि वह सीएसई का प्रयास करना चाहती हैं. बुशरा बताती हैं कि, वो और उनके पति दोनों ने सऊदी में अपनी आकर्षक नौकरियों से इस्तीफा दे दिया और उसी साल भारत वापस आ गए. वह साल 2017 में पहली बार UPSC सीएसई परीक्षा में शामिल हुई थी.
दूसरे प्रयास में क्रैक की परीक्षा:द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में बुशरा प्रीलिम्स क्रैक नहीं कर पाईं. इस समय तक उन्हें एक बच्चा भी हो गया था. बुशरा बताती हैं कि, साल 2018 में उन्हें सफलता हाथ लगी. मेन्स परीक्षा और इंटरव्यू के दौरान उन्हें परिवार और करियर दोनों संभालना पड़ा था. तैयारी के दौरान बुशरा ने अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट में मैनेजमेंट को चुना था.