बुल्लीबाई प्रकरण: बसपा सांसद दानिश अली बोले एक तरफ ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ का नारा दूसरी ओर ऐसी घिनौनी हरकतें

मुस्लिम महिलाओं को अपमानित करने के उद्देश्य से असमाजिक तत्वों द्वारा बनाई गई बुल्ली बाई एप्लिकेशन पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ महिला आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया है, वहीं विपक्ष की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि ऐसी घिनौनी हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रावाई की जाए। इसी क्रम में बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मांग की है कि इस तरह की हरकत करने वालों के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रावाई करनी चाहिए।

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अमरोहा से लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली की ओर से जारी एक प्रेस नोट में कहा गया है कि सरकार एक तरफ ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है और मुस्लिम महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा की बातें करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं की शर्मनाक बोली लगाने वालों के ख़िलाफ़ पिछले साल जुलाई में ही कठोर कार्रवाई हो जाती तो साइबर अपराधियों हौसले इतने बुलंद न होते और वे फिर से देश की बेटियों को ज़लील करने का दुस्साहस न करते।

कुंवर दानिश अली ने कहा कि  Bulli Bai नाम की ऐप सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ नफरत फैला रही है। इस ऐप पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। उनके खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी जा रही हैं और उनकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके उनकी बोली लगाकर इन्हें बेज़्ज़त करने की कोशिश की जा रही है।  यह ऐप Github नाम के एक प्लेनटफार्म पर मौजूद है। इसी प्लेटफार्म पर पहले भी ऐसे ही नफरत फैलाने वाले ऐप लॉन्च  किए जा चुके हैं। लेकिन सरकार का ध्यान इस और नहीं गया। सरकार ने अपनी आँखे बंद रखीं, क्योंकि सरकार को अपने वोट बैंक से मतलब है महिलाओं की सुरक्षा और उनकी इज्जत से मतलब नहीं है।

दानिश ने कहा कि Github पर Bulli Bai से पहले Sulli deal ऐप पर भी बड़ी संख्यान में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें शेयर की गईं थी और उनकी नीलामी करने की बात कही गई थी। मुस्लिम महिलाओं के प्रति सरकार की ये उदासीनता सरकार की मंशा पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है।