एक और गुजराती ने 28 बैंकों को 22,842 करोड़ का चूना लगाया है। बताया जा रहा है कि यह बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है। उधर एक बार फिर राफेल में घोटाले की खबरें दुनिया भर में छप रही हैं। घोटाले की खबरें थोक में हैं। लेकिन बिके हुए गोदी मीडिया और मरे हुए नागरिकों को फर्क पड़ना बंद हो गया है।
ABG शिपयार्ड नाम की एक गुजराती कंपनी है। यहां जहाज़ निर्माण और मरम्मत का काम करती है। इसके निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। इस कंपनी के कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घोटाले का समय अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक बताया गया है। यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है।
यह फ्रॉड दो कंपनियों ने मिलकर किया है। एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं। 22,842 करोड़ का एक बैंक घोटाला सामने आया है जिसमें 28 बैंकों को चूना लगाया गया है। बताया जा रहा है कि यह बैंकिंग के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है।
यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। नीरव मोदी भी गुजराती था। मेहुल भाई भी गुजराती थे। यह भी गुजराती है। सारे भगोड़े गुजराती क्यों हैं, यह संयोग है या प्रयोग है? उधर, राफेल मामले में भ्रष्टाचार की दुर्गंध फिर से उठी है। जितने पैसे में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल खरीदे, उससे कम पैसे में इंडोनेशिया को 42 राफेल मिले। भारत का सौदा चार साल पहले हुआ था। जाहिर है तब और सस्ता रहा होगा। राफेल रक्षा सौदे में दलाली खाने का शक और पुख्ता हुआ है।
भारत ने 8.7 अरब डॉलर में 36 राफेल खरीदे। इंडोनेशिया ने 8.1 अरब डॉलर में 42 राफेल खरीद लिए। मोदी जी स्वनामधन्य ईमानदार हैं। बगुला भगतों को मोदी जी ने बताया है कि वे यह सब देशहित में कर रहे हैं। अब मोदी जी देश बेच दें, भगतों का कच्छा बनियान तक बेच दें तो भी भगत कहेंगे कि मोदी जी ने कुछ सोच समझ कर ही किया होगा। भारत अपने इतिहास के सबसे भ्रष्ट, क्रूर, धूर्त और लुटेरे प्रशासन के चंगुल में फंस गया है।
(लेखक पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)