आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्र शेखर आजाद ने त्रिपुरा में हुई हिंसा को लेकर राज सरकार पर निशाना साधा है। चंद्रशेखर ने त्रिपुरा में हुई हिंसा को सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “त्रिपुरा में चल रहा सांप्रदायिक तनाव पूर्णतः सरकार प्रायोजित है। प्रदेश में मुस्लिम समुदाय डर के साए में जी रहा है। बेहद अफसोस की बात है कि देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री अभी तक इस पर मौन हैं। देश को नफरत की आग में मत झोंकिए। सरकार हिंसा करने वालों पर सख्त कार्यवाही करे।”
त्रिपुरा में चल रहा सांप्रदायिक तनाव पूर्णतः सरकार प्रायोजित है। प्रदेश में मुस्लिम समुदाय डर के साए में जी रहा है। बेहद अफसोस की बात है कि देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री अभी तक इस पर मौन हैं। देश को नफरत की आग में मत झोंकिए। सरकार हिंसा करने वालों पर सख्त कार्यवाही करे।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 31, 2021
सबसे बड़ा घोटाल
चंद्रशेखर ने यूपी मे चल रहे शिक्षक भर्ती विवाद पर भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि “69000 हजार शिक्षक भर्ती आज़ाद भारत का सबसे बड़ा आरक्षण घोटाला है। आरक्षण के साथ की गई इस डकैती ने हजारों छात्रों को सड़क पर ला दिया है। 100 से ज्यादा दिन हो गए छात्रों का आंदोलन जारी है। सरकार छात्रों की पीड़ा समझ नहीं रही है। हम छात्रों के साथ खड़े हैं। अपना आरक्षण लेकर रखेंगे।”
69000 हजार शिक्षक भर्ती आज़ाद भारत का सबसे बड़ा आरक्षण घोटाला है। आरक्षण के साथ की गई इस डकैती ने हजारों छात्रों को सड़क पर ला दिया है। 100 से ज्यादा दिन हो गए छात्रों का आंदोलन जारी है। सरकार छात्रों की पीड़ा समझ नहीं रही है। हम छात्रों के साथ खड़े हैं। अपना आरक्षण लेकर रखेंगे।
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 30, 2021
जम्मू में जातीय भेदभाव
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख ने बताया कि जम्मू के Fisheries Department में तैनात इंस्पेक्टर राजेश सिंह 2014 से एक दलित महिला असिस्टेंट डायरेक्टर के साथ जातीय भेदभाव एवं लैंगिक उत्पीड़न कर रहा है। अनेक शिकायतों, FIR एवं गिरफ्तारी के बावजूद विभाग इस अधिकारी को निलंबित एवं अन्य उचित कार्यवाही नहीं कर रहा।
जम्मू के Fisheries Department में तैनात इंस्पेक्टर राजेश सिंह 2014 से एक दलित महिला असिस्टेंट डायरेक्टर के साथ जातीय भेदभाव एवं लैंगिक उत्पीड़न कर रहा है। अनेक शिकायतों, FIR एवं गिरफ्तारी के बावजूद विभाग इस अधिकारी को निलंबित एवं अन्य उचित कार्यवाही नहीं कर रहा। (1/2)
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) October 29, 2021
उन्होंने कहा कि PCS लेवल के अधिकारी भी सुरक्षित नहीं हैं तो कल्पना कीजिए कि जम्मू में आम दलितों की क्या हालात होगी। पुलिस प्रशासन की शक्ति केंद्र सरकार के हाथ में है। ऐसे अफसर को शह क्यों? तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें।