Author: The Report Desk

अलका का सवाल ‘जिस तरह मरकज़ पर FIR कराई क्या केजरीवाल उसी तरह दीप सिद्धू पर FIR कराएंगे?’

नई दिल्लीः कांग्रेस की तेजतर्रार नेता एंव पूर्व विधायक अलका लांबा ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर निशना साधा है। अलका लांबा ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल सरकार….

किसान आंदोलन और पुलिस की भूमिका

किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले में दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुयी। एक तो लाल किले में तिरंगा ध्वज से कुछ….

बाजार भरोसे खेती को छोड़ने के जोखिम

देविंदर शर्मा हम सबको चॉकलेट खाना पसंद है लेकिन अगली बार जब आप चॉकलेट का ग्रास लें तो यह याद करिएगा कि कोको की खेती करने वाले एक किसान की….

किसान आंदोलनः एक लोकप्रिय सरकार तो इस तरह नहीं डरती है!

सरकार को कुछ दिनों के लिये, अंडमान की राजधानी, पोर्ट ब्लेयर शिफ्ट हो जाना चाहिए। चारो तरफ समुद्र और न किसी के आने का भय न आराम में खलल। कम….

MSO ने बजट को बताया निराशाजनक, कहा ‘यह बजट आम जनता के साथ धोखा है’

नई दिल्ली: भारतीय मुस्लिम छात्रो के संगठन मुस्लिम स्टूडेंट्स ओर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया यानि एमएसओ के बजट 2021 पर प्रतिकृया देते हुये कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर….

खेल में प्रतियोगिता जीवन की कठिनाइयों से लड़ना सिखाती है : ललन कुमार

लखनऊ/बक्शी का तालाबः उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने #बक्शीकातालाब (169) विधानसभा के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया जिसमें कुम्हरावां, चंदनापुर, रमपुरवा, अर्जुनपुर, इटौंजा, नौरंगपुर….

इस्लामिक स्कॉलर मिस्बाही का आह्वान ‘देश की तरक्की में हाथ बंटाना है तो शिक्षा और रोजगार पर ध्यान दें’

बाड़मेरः जयपुर शहर के उप मुफ्ती और तहरीक उलामा ए हिंद के संस्थापक अध्यक्ष मुफ्ती खालिद अयूब मिस्बाही ने कहा कि हमें सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए देश की एकता….

RSS ने 2002 तक अपने कार्यालय पर नहीं फहराया तिरंगा, लेकिन आज तिरंगे पर आंसू बहा रहे हैं

जो लोग 2002 तक अपने कार्यालय पर कभी तिरंगा नहीं फहराते थे, वही आरएसएस वाले आजकल तिरंगे पर बड़ा आंसू बहा रहे हैं। इससे कौन सहमत नहीं होगा कि तिरंगे….

जेलर साहब के नाम रवीश का खुल खत ‘जेल की दीवारें आज़ाद आवाज़ों से ऊँची नहीं हो सकती हैं।’

जेल की दीवारें आज़ाद आवाज़ों से ऊँची नहीं हो सकती हैं। जो अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहरा लगाना चाहते है वो देश को जेल में बदलना चाहते हैं। डियर जेलर….

पूंजीवादी व्यवस्था इतनी कमजोर नहीं है, उसके पास तिकड़मों का पूरा भंडार है

मुकेश असीम क्या किसान समाज बदलने या क्रांति करने के लिए लड़ रहे हैं? नहीं। किसान मालिक वर्ग है जो कॉर्पोरेट पूंजी द्वारा अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिये जाने….