अंबाला: क्रिसमस की रात शरारती तत्वों ने यीशु मसीह की ऐतिहासिक मूर्ति तोड़ी, CCTV में कैद हुई घटना

ईसाई समुदाय के लगातार दक्षिणपंथियों के निशाने पर है। उत्तर प्रदेश में जहां क्रिसमस पर सेंटा क्लॉज का पुतला फूंका गया, वहीं हरियाणा के गुरुग्राम में ईसाईयों की एक प्रार्थना सभा में घुसकर हिंदुत्तववादियों ने जयश्रीराम के नारे लगाए। अब ख़बर आई है कि हरियाणा के अंबाला में क्रिसमस की रात शरारती तत्वों ने यीशु मसीह की मूर्ति खंडित कर दी। यह मूर्ति अंबाला कैंट के डुरंड रोड स्थित 173 साल पुरानी होली रिडीमर कैथोलिक चर्च की है।

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प्राप्त जानकारी के अनुसार देर रात करीब डेढ़ बजे दो युवक सीसीटीवी में कैद हुए है। फुटेज लेकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। इस हरकत से ईसाई समाज के लोगों में रोष है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एतिहासिक चर्च में यीशु मसीह की मूर्ति मुख्य गेटों के ठीक बीच में स्थापित है। मूर्ति के चारों तरफ कांच का फ्रेम था। शरारती तत्वों ने शीशा तोड़कर मूर्ति को खंडित किया। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जाता है कि 11 बजकर 30 मिनट तक रात को लोगों का आना जाना लगा हुआ था। बाद में यह वारदात हुई। चर्च के बाहर कोई कैमरा नहीं है। शरारती तत्व साथ वाली रोड पर लगे कैमरे में कैद हुए है। एक सफेद कलर की एक्टिवा भी दिखाई दी है।

अंबाला कैंट की कैथोलिक होली रिडीमर चर्च को गॉथिक स्टाइल में बनाया गया है। अंग्रेजों ने वर्ष 1848 में इसका निर्माण करवाया था। उस वक्त इसके प्रिस्ट इटली के कैपूसिन फादर विनेंस थे। बाद में वर्ष 1908 में इसका पुनर्निर्माण किया गया। यह चर्च तीन मंजिला है, जिसमें दूसरी मंजिल पर भी श्रद्धालु प्रेयर के दौरान मौजूद रहते थे। इसके सबसे ऊपरी मंजिल पर तीन बड़ी घंटियां हैं, जिनकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई देती थी, लेकिन अब इसका इस्तेमाल नह्रीं किया जाता है। प्रेयर के दौरान यहां पर अंग्रेज सैनिक अपने साथ बंदूकें भी रखते थे।