अल्लाउद्दीन पालेकर का 15 साल पुराना इंतजार खत्म, दक्षिण अफ्रीक VS भारत टेस्ट में करेंगे डेब्यू

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आज से जोहानिसबर्ग में दूसरा टेस्ट खेला जाएगा। इस मैच में अलाउद्दीन पालेकर भी डेब्यू करने जा रहे हैं। हालांकि, वो बतौर खिलाड़ी नहीं, बल्कि अंपायर अपने पहले टेस्ट में उतरेंगे। पालेकर को यहां तक पहुंचने में 15 साल लग गए। उनके लिए यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा। वो 2 दिन पहले ही 44 बरस के हुए हैं। ऐसे में उनके लिए अंपायरिंग का डेब्यू और खास होगा। वो दक्षिण अफ्रीका की तरफ से टेस्ट में अंपायरिंग करने वाले 57वें शख्स होंगे। वहीं, टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में वो ऐसा करने वाले 497वें व्यक्ति होंगे। पालेकर इस टेस्ट में अपने मेंटर मैरिस इरासमस के साथ अंपायरिंग करेंगे।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

टेस्ट डेब्यू का मौका मिलने पर अलाउद्दीन पालेकर काफी खुश हैं। उन्होंने एक बयान जारी कर कहा, “यह निश्चित रूप से मेरे लिए गर्व का पल होगा। जब आप अंपायरिंग शुरू करते हैं, तो आपका सपना और लक्ष्य सबसे ऊंचे मुकाम पर पहुंचना होता है और टेस्ट मैच से बड़ा एक अंपायर के लिए कुछ नहीं होता। मैंने 15 साल पहले अंपायरिंग शुरू की थी। मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में काफी वक्त लग गया है। इसके लिए कड़ी मेहनत, संयम और परिवार से मजबूत समर्थन की जरूरत है। क्योंकि अंपायरिंग की वजह से आप लंबे वक्त तक घर से दूर रहते हैं।”

अंपायरिंग के कारण मैंने काफी त्याग किया: अलाउद्दीन

अलाउद्दीन ने आगे कहा, “मैंने सालों से किसी पारिवारिक समारोह या शादी में हिस्सा नहीं लिया है। क्योंकि मेरे पास अंपायरिंग के कारण वक्त ही नहीं होता था। मेरी पत्नी शकीरा ने इस दौरान काफी त्याग किया। उन्होंने मेरी यात्रा के दौरान जो समर्थन और संयम दिखाया है, उसके लिए मुझे उन्हें भी धन्यवाद देना चाहिए। वो वाकई मेरी ताकत हैं और अब महामारी के साथ चीजें और भी कठिन हो गई हैं। इसलिए मैं इस पल का पूरा आनंद लेना चाहता हूं।”

‘पिता मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा’

अलाउद्दीन ने आगे कहा कि मेरे पिता मेरे लिए शीर्ष पर पहुंचने और अपने सपने को पूरा करने के लिए एक बड़ी प्रेरणा थे, जो वह हासिल नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि पिता हमेशा प्रथम श्रेणी के अंपायर बनना चाहते थे, लेकिन वो उस मुकाम तक नहीं पहुंच सके। इसलिए सपने को पूरा करने के लिए मैं उनके नक्शेकदम पर चला। उन्होंने अलीम डार से भी अंपायरिंग के गुर सीखे हैं।

पालेकर अंपायरों के परिवार से आते हैं

क्रिकेट साउथ अफ्रीका के मुताबिक, पालेकर अंपायरों के परिवार से आते हैं। उनके पिता जमालुद्दीन भी एक अंपायर हैं, जो अभी भी केपटाउन में स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में अंपायरिंग करते हैं। वो 90 के दशक में सीएसए की क्लब चैंपियनशिप जैसी प्रतियोगिताओं में भी अंपायरिंग कर चुके हैं। उनके एक चाचा भी हैं, जो अभी भी अंपायर हैं। जबकि उनके 2 चचेरे भाई भी अंपायर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं।

सभार न्यूज़ 18