नई दिल्लीः दिल्ली के चारों ओर चल रहे किसान आंदोलन के बीच पीएम मोदी अचानक गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे। बता दें कि केन्द्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि सुधार क़ानून के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलन कर रहे किसानों में बड़ी संख्या पंजाब के किसानों की है। अब इस आंदोलन में 22 से ज्यादा किसानों की सर्दी की वजह से मौत हो चुकी है। कई बार सरकार के साथ किसानों ने वार्ता की लेकिन यह बात चीत बेनतीजा रही है। अब पीएम मोदी अचानक गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे और वहां उन्होंने मत्था टेका। पीएम मोदी के गुरुद्वारा जाने पर कांग्रेस की तेजतर्रार नेता अलका लांबा ने उनसे तीखे सवाल पूछे हैं।
अलका लांबा ने कहा कि पहले भाजपा नेताओं द्वारा किसानों को खालिस्तानी आतंकी कहा गया, अब लगता है कि पीएम मोदी को अपनी गलती का अहसास हो गया है इसलिये अब वे गुरुद्वारा में जा जाकर मत्था टेक रहे हैं। लेकिन इस गुरु का बंदा सिंघू बॉर्डर पर खुले आसमान के नीचे सर्दी में बैठा हुआ है, अपनी शहादत दे रहा है और आज उसने यह फैसला किया है कि आज का दिन यानी 20 दिसंबर वह शहीद दिवस के तौर पर मनाएगा।
पूर्व विधायक अलका लांबा ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपको कहीं जाकर मत्था टेकना है, अपने गुनाहों की माफी मांगनी है तो वह गुरु भी खुश होगा, आप गुरु के घर नहीं बल्कि गुरु के बच्चों के पास जाकर आप अपनी की हुई गलतियों की माफी मांगें। और अपने कर्मों यानी काले क़ानून को वापस लीजिये। अलका ने कहा कि आप (पीएम मोदी) इस पूरे आंदोलन को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि आपको मालूम होना चाहिए कि इस किसान आंदोलन में हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के किसान शामिल हैं। यह सबका आंदोलन है किसी एक धर्म किसी एक समाज का आंदोलन नहीं है।
अलका ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी इस आंदोलन को एक धर्म की लड़ाई बनाना चाहते हैं। जबकि यह अन्नदाताओं की लड़ाई है, यह सिख क़ौम की लड़ाई नहीं है। अलका ने कहा कि ऐसी गलतियां मत कीजिए सिंघू बॉर्डर जाईए और जाकर देश के अन्नदाता से माफी मांगिए।