गुरुग्राम नमाज़ विवाद: मुसलमानों को नमाज़ के लिए परेशान होता देख एक “हिंदू” ने अपनी जगह पर पढवाई नमाज़

गुरुग्राम के सेक्टर 12 में खुले में नमाज़ को लेकर विवाद है, वहां नमाज़ नहीं हुई लेकिन यही पर भाईचारे की मिसाल देखने को मिली। पास के ही एक हिन्दू युवक ने जुमे की नमाज़ पढ़ने के लिए अपनी जगह दी, करीब 20 लोगों नमाज़ पढ़ी। इस शख्स ने कहा कि वो अपने हॉस्पिटल की छत भी दे देंगे, जहाँ हर जुमे को आराम से कुछ लोग नमाज़ अदा कर सकते है, जब तक जगह का इंतिज़ाम नहीं होता।

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क्या कहते हैं नमाज़ी

गरुग्राम में नमाज़ियों का कहना है कि खुले में नमाज़ से अगर किसी को दिक़्क़त है तो वक़्फ़ के अंतर्गत आने वाली 19 मस्जिदों को नमाज़ियों के लिए प्रशासन खोल दे, जो कि बंद पड़ी हुई हैं, ताकि वो उन मस्जिदों में नमाज़ अदा कर सकें, साथ ही उन मस्जिदों पर अवैध क़ब्जे का भी आरोप लगाया है। बता दें कि साल 2018 में जब पहली बार नमाज़ को लेकर विवाद हुआ था तब तब वक्फ बोर्ड से मांग की गई थी, गरुग्राम में वक्फ की संपत्तियों को कब्जा मुक्त कराया जाए।

संयम और सब्र से काम ले रहे हैं मुस्लिम

पिछले कई सप्ताह से गुरुग्राम मे हर शुक्रवार को नमाज़ को लेकर विवाद होता है। हिंदुत्तवादी दक्षिणपंथी संगठनों के लोग हर शुक्रवार को नमाज़ मे अवरोध उत्पन्न करते हैं। गरुग्राम के सैक्टर 12 में जहां शुक्रवार को नमाज़ होती थी, वहां पिछले शुक्रवार को गोवर्धन पूजा की गई, और इस शुक्रवार को नमाज़ की जगह पर गोबर बिखेर दिया गया, कुछ जगह पर उपले भी पाथ दिए गए। लेकिन इसके बावजूद मुस्लिम उलेमा अमन और शांति की बात करते कर रहे हैं।

अक्षय राव की सराहना

गुरुग्राम के सैक्टर 12 में नमाज़ अदा करने की जगह पर उपले पथवा दिये गए, जिसके बाद नमाज़ पढने आए लोगो की परेशानी को देखते हुए पड़ोस में रहने वाले अक्षय राव ने अपनी जगह दे दी, जिसमे क़रीब 20 लोगों ने नमाज़ अदा की। अक्षय राव की इस पहल की खूब प्रशंसा हो रही है।

मुस्लिम एक्टिविस्ट डाॅ. शुजात क़ादरी ने अक्षय राव की पहल का स्वागत करते हुए लिखा कि “नफ़रत की उम्र लंबी नही होती, ये ख़बर पढ़िए, अच्छा संकेत है। गुरुग्राम के सेक्टर 12 में खुले में नमाज़ को लेकर विवाद है, वहां नमाज़ नहीं हुई लेकिन यही पर भाईचारे की मिसाल देखने को मिली। पास के ही एक हिन्दू भाई ने जुमे की नमाज़ पढ़ने के लिए अपनी जगह दी, करीब 20 लोगों नमाज़ पढ़ी।”