कानपुर: उत्तर प्रदेश में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव में फतह हासिल करने के संकल्प के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को समाजवादी विजय रथ पर सवार होकर जनसमर्थन जुटाने के लिये निकल पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विजय रथ का इस्तकबाल कानपुर में गर्मजोशी से किया गया। नगर की सीमा से सटे उन्नाव के शुक्लागंज में हजारों की तादाद में लोगों ने श्री यादव का स्वागत हाथ हिलाकर और नारों से किया। स्वागत से अभिभूत सपा अध्यक्ष ने भी उनके अभिवादन का जवाब दिया। करीब एक किमी लंबे वाहनो के काफिले में सपा नेता और समर्थक पार्टी का झंडा लहरा रहे थे।
इस दौरान पुलिस को यातायात व्यवस्थित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ी वहीं भारी भरकम भीड़ कोरोना महामारी के खतरे के प्रति लापरवाह दिखी। गंगा पुल से विजय रथ नौबस्ता चौराहे पहुंचा जहां से यात्रा की औपचारिक शुरूआत हो गयी। नौबस्ता और आसपास के क्षेत्रों को सपा के बैनर झंडो से पाट दिया गया था और लाल टोपी लगाये कार्यकर्ता पार्टी के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।
यात्रा यहां से हमीरपुर के लिये रवाना हो गयी। विजय रथ दो बजे घाटमपुर के नेवेली लिग्नाइट, बिजली घर पहुंचेगा। शाम पांच बजे सपा का विजय रथ बुंदेलखंड में हमीरपुर जिले की सीमा में दाखिल हो जायेगा जहां रात्रि विश्राम होगा। अगली सुबह यानी बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे यात्रा फिर से रफ्तार पकड़ेगी और 11 बजे हमीरपुर के कुरारा कस्बे और दो बजे जालौन के कालपी पहुंच जायेगी जहां सपा अध्यक्ष जनसभा को संबोधित करेंगे। शाम चार बजे यात्रा अपने अगले पड़ाव कानपुर देहात के माती मुख्यालय पहुंचेगी।
विधानसभा चुनाव तक चरणबद्ध तरीके से चलने वाली यह यात्रा प्रदेश की हर विधानसभा में तहसील कस्बे का भ्रमण करेगी। इस दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की कई जनसभायें होंगी जिसमें भाजपा सरकार की विफलताओं और कारगुजारियों का खुलासा किया जायेगा।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक रथ यात्रा के दौरान किसानों की समस्या के प्रति सरकार के उदासीन रवैये, लखीमपुर,हाथरस और महोबा की आपराधिक घटनाओं का जिक्र होगा वहीं महिला सुरक्षा, बेरोजगारी,महंगाई और भाजपा की वादाखिलाफी पर सपा अध्यक्ष अपने सुर मुखर करेंगे।
उन्होने बताया कि किसान, नौजवान, दलित, शोषित, वंचित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक एवं सभी वर्गों को न्याय दिलाने के लिए अत्याचारी और अहंकारी सत्ता के खिलाफ विजय रथ यात्रा के पहले चरण में कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर और जालौन की जनता से संपर्क साधा जा रहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले श्री यादव 31 जुलाई 2001 में पहली बार क्रांति रथ लेकर निकले थे। इसके बाद 12 सितंबर 2011 को दूसरी बार समाजवादी क्रांतिरथ यात्रा लेकर निकले जिसके बाद उन्हे यूपी की सत्ता हासिल हुयी थी। अखिलेश यादव ने रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हालांकि विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है और छोटे दलों से गठबंधन अपनी शर्तो के अनुसार करने की घोषणा की थी।