गुवाहटी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों किसान कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद असम में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के आंदोलन ने दोबारा रफ्तार पकड़ने की ओर है। किसान नेता अखिल गोगोई ने सभी संस्थानों को किसानों का उदाहरण देते हुए सीएए को लेकर फिर से आंदोलन आरंभ करने की अपील की है।
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाने वाले श्री गोगोई दो अलग-अलग मामलों में दिसंबर 2019 में जेल जा चुके है। उन्होनें दावा किया कि आंदोलन जरूरत पड़ने पर दोबारा शुरू किया जाएगा।अखिलगोगोई ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि अगर सीएए लागू हुआ तो असम में करीब 1.9 करोड़ हिंदू बंग्लादेशियों के आने की संभावना है।
किसान नेता ने कहा,“राज्य के कई नेता और संस्थान मांगों और आंदोलन को कमजोर बना रहें हैं। हमने देखा है कि किसान कैसे लड़े और उन्होनें कानूनों को वापस करवाया, लेकिन ऐसा सीएए के मामले में नहीं हुआ। नेताओं ने कई माध्यमों से इस आंदोलन को कमजोर बनाया।”
उन्होनें कहा,“ये वक्त आंदोलन को पुर्नजीवित करने का है, हम पूरी ताकत के साथ इसे दोबारा आरम्भ करेंगे। असम के लोगों को अपनी मांगो के लिए खड़ा होना होगा।” अखिल गोगोई ने सीएए के खिलाफ आंदोलन में एक रायजोर दल भी बनाया था। वहीं उन्होनें सिबसागर विधानसभा से चुनाव भी जीता।
गौरतलब है कि करीब एक साल चले किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने विवादित तीनों किसान कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। जिसके बाद ऑल असम छात्र यूनियन समेत विभिन्न संगठनों ने असम में सीएए के खिलाफ अपनी मांग तेज कर दी है।