दिल में ईमान हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता। आस्था बहुत बड़ी चीज है।अल्लाह पर यकीन मोमिन के लिए सबकुछ है।ऐसे ही एक इराकी-कुर्दिश मूल के 52 साल के ब्रिटिश नागरिक हैं, एडम मोहम्मद, जिन्होंने 10 देशों की पैदल यात्रा करते हुए करीब 6,500 किमी की दूरी तय कर हज करने मक्का पहुंचे। उनकी आस्था को लोग सलाम कर रहे हैं।
एडम मोहम्मद इंग्लैंड के वॉल्वरहैम्प्टन के रहने वाले हैं। वे दरअसल, इराकी, कुर्द मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं। वे इस साल हज करने मक्का पहुंचे थे। वैसे तो लोग हज करने वाले हाजी हवाई जहाज से यात्रा करके पवित्र मक्का पहुंचते हैं, लेकिन एडम ने हज करने के लिए न तो हवाई जहाज और न ही किसी अन्य वाहन की सहायता ली। उन्होंने पैदल ही ब्रिटेन से पैदल चलकर मक्का जाने की ठानी।
कोई ब्रिटेन से मक्का जानें के लिए शायद ही सोचा होगा, लेकिन एडम की ईश्वर की प्रति आस्था ने उन्हें पैदल ही मक्का पहुंचने ताकत दे दी। 52 वर्षीय एडम मोहम्मद ने नीदरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, सर्बिया, बुल्गारिया, तुर्की, लेबनान और जॉर्डन से होते हुए सऊदी अरब पहुंचने के लिए 10 महीने और 25 दिनों में लगभग 6,500 किलोमीटर की दूरी तय की। उन्होंने 1 अगस्त, 2021 को ब्रिटेन के वॉल्वरहैमप्टन से पवित्र मक्का तक का सफर पैदल ही शुरू किया। वे पिछले महीने सऊदी अरब पहुंचे थे।
अल जज़ीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, एडम ने हर दिन औसतन 17.8 किमी की दूरी तय की और 300 किलोग्राम वजन वाली एक गाड़ी नुमा घर को धक्का देते हुए आगे अपने सफर पर निकल पड़े थे। उनके इस वाहन में स्पीकर लगे थे जिसमें से इस्लामिक पाठ की धून सुनाई दे रही थी। एडम का उद्देश्य दुनिया भर में शांति और समानता का संदेश फैलाना था।
एडम मोहम्मद ने एक GoFundMe नाम का एक पेज भी बनाया है, जिस पर लिखा है, वे यह काम फेमस होने या पैसा कमाने के लिए नहीं कर रहे हैं। वे ये पवित्र कार्य दुनिया को यह बताने के लिए कर रहे हैं कि, हम सब इंसान बराबर हैं। इस्लाम धर्म सबको समान भाव से देखता है।
एडम मोहम्मद को जिन लोगों ने भी रास्ते में देखा उन्होंने उन पर ढेर सारा प्यार बरसाया। उनके इस नेक कार्य की वजह से टिकटॉक पर आधे मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हो गए हैं।