मुस्लिम देश सऊदी अरब के हाथ तेल के बाद लगा एक और ‘खजाना’, बदल जाएगी किस्‍मत, जानें सबकुछ

रियाद: सऊदी अरब का प्रॉपर्टी मार्केट अब इनकम के लिए सबसे बड़ा साधन बनता जा रहा है। दुनिया के कुछ हिस्‍सों में ऊर्जा की कीमतों में तेजी आने के बाद अब देश की अर्थव्‍यवस्‍था में भी बदलाव हो रहा है। पिछले दिनों रियाद के नए अब्‍दुलसलाम अलमाजेद में 300 अपार्टमेंट्स धड़ल्‍ले से बिक गए हैं। सिर्फ एक महीने में लोगों ने कैश देकर घर खरीदे और वह भी तब जब इसका विज्ञापन जरा भी नहीं हुआ था। एक अपार्टमेंट की कीमत एक लाख रियाल (करीब 2 करोड़ रुपये) थी और इसके बाद भी इन्‍हें खरीदने में लोग जरा भी नहीं हिचके। दुनिया का सबसे बड़ा तेल उत्‍पादक देश अब प्रॉपर्टी का भी बड़ा बाजार बनता जा रहा है।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

देश को मिल रही नई पहचान
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह नया घटनाक्रम बताता है कि किस तरह से आर्थिक और सामाजिक बदलाव सऊदी अरब को नई पहचान दे रहा है। इसकी एक वजह सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान (MBS) की तरफ से शुरू किए गए वो प्रोग्राम भी हैं जिनका मकसद देश को नई शक्‍लो सूरत में ढालना है। अलमाजेद रेजीडेंस को डेवलप करने वाले अलमाजेद कहते हैं कि अब यहां पर लोगों की सोच बदल रही है। वो सऊदी के सबसे बड़े रियल एस्‍टेट डेवलपर हैं। उनका कहना था कि सऊदी अरब के कुछ लोगों ने अब इस फर्म की उस स्‍टाइल को अपनाया है जो खुली हुई है और क्रिएटिव है।

मोहम्‍मद बिन सलमान के पास सत्‍ता का केंद्र बिंदु एक कर दिया है। जब से उनके पिता ने उनका कद बढ़ाया है तब से उनका राजनीतिक दबदबा भी बढ़ा है। साल 2015 में किंग सलमान ने उन्‍हें क्राउन प्रिंस घोषित किया था। मोहम्‍मद बिन सलमान ने मनोरंजन पर लगे प्रतिबंधों में या तो राहत दी या फिर उन्‍हें खत्‍म कर दिया था। इसके अलावा महिलाओं और पुरुषों के एक साथ होने पर भी लगा प्रतिबंध खत्‍म कर दिया गया। साथ ही अब वो ऐसी कोशिशों को आगे बढ़ा रहे हैं जिसके तहत तेल पर निर्भरता को कम किया जा सके।

पहले होती थीं मुश्किलें
10 साल पहले तक देश के कई प्रॉपर्टी डीलर्स महिलाओं को किराए पर घर देने से कतराते थे। महिलाओं को घर खरीदने से लेकर हर फैसले के लिए किसी पुरुष अभिभावकों की मंजूरी जरूरी होती थी। मगर आज सऊदी में महिला वर्कफोर्स मार्केट में एंट्री कर रही हैं और वो भी भारी तादाद में। इतना ही नहीं, अलमाजेद में फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों में 30 फीसदी महिलाएं हैं। वो अपने आप इन प्रॉपर्टीज में निवेश कर रही हैं या फिर अपने लिए घर खरीद रही हैं।

पहले सऊदी अरब में कई लोग ऊंची दीवारों और छोटी खिड़कियों वाले घर पसंद करते थे ताकि उनकी प्राइवेसी बराकरार रहे। लेकिन अब जैसे-जैसे बदलाव आ रहे हैं, छोटे परिवारों का चलन बढ़ रहा है। सख्‍त बजट की वजह से अब घर खरीदने के ट्रेंड में बदलाव देखने को मिला है। अलमाजेद ने जो फ्लैट्स बनाएं हैं उनमें एक कॉमन बरामदे से लेकर कैफे, जिम और नर्सरी तक की सुविधाएं दी गई हैं।

महंगे तेल से हो रहा फायदा
रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध के बाद दुनियाभर में महंगाई बढ़ रही है। इस साल तेल की कीमतें 100 डॉलर बैरल तक पहुंच गईं और इसका सीधा फायदा सऊदी अरब को मिला। यह अब जी-20 में तेजी से आर्थिक तरक्‍की करने वाला देश बन गया है। दूसरी तिमाही में जीडीपी 11.8 फीसदी तक पहुंच गई है। देश की तेल कंपनी अरामको को सबसे बड़ा फायदा हुआ। कई अरब डॉलर सऊदी अरब में आ रहे हैं और यहां पर निवेश बढ़ रहा है।

इसके साथ ही, निजी सेक्‍टर अब सरकारी कॉन्‍ट्रैक्‍ट्स पर भरोसा बढ़ाने लगा है। देश में अप्रैल से जून तक खर्च में 64 फीसदी तक का इजाफा हुआ। साथ ही अब यहां पर कई मॉल और पार्क भी बनने लगे हैं। साथ ही लाल सागर पर लग्‍जरी टूरिज्‍म डेवलपमेंट प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है। ओवरऑल खर्च 16 फीसदी तक था, वो भी तब जब देश के इस साल के बजट में गिरावट की बात कही गई थी।