दुनिया के सबसे अमीर शख्स को लेकर अक्सर चर्चा होती रही है. हर साल विश्व के रसूखदार लोगों की सूची तैयार होती है. जिसमें साल दर साल कई नए नाम सामने आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं. इस दुनिया के इतिहास का सबसे अमीर शख्स कौन है. मौजूदा समय में माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स और अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस को दुनिया का सबसे रईस आदमी गिना जाता है. लेकिन, जिस शख्स की हम बात कर रहे हैं उसके पास इन दोनो से कहीं ज्यादा संम्पत्ति थी. यह शख्सियत था पश्चिमी अफ्रीका के माली (Mali in West Africa) साम्राज्य का शासक मंसा मूसा प्रथम (Mansa Musa I). जिसके पास इतनी संम्पत्ति थी की उसे आज तक भी नहीं गिना जा सका.
बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स ने दुनिया के सभी अमीरों की सूची तैयार की. इसमें पहले नंबर पर अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस हैं. उनकी कुल दौलत लगभग 90 बिलियन डॉलर आंकी गई है. उन्होंने ये स्थान बिल गेट्स को पछाड़कर हासिल किया. वहीं माना जाता है कि मंसा मूसा अगर इस दौर में होता तो उसकी प्रॉपर्टी की कीमत इन सबसे कहीं ज्यादा रहती.
नमक की खदानों के लिए ख्यात देश माली के शासक मूसा प्रथम ने 1312 से 1337 के बीच यहां शासन किया. उसका असल नाम मूसा कीटा प्रथम था लेकिन शासक होने के बाद नाम मंसा मूसा प्रथम हो गया. बता दें कि मंसा का मतलब वहां की भाषा में होता है बादशाह. मूसा खुद को सच्चा मुसलमान मानता था और अपने दौर में उसने नेकी के कई काम किए. उसमें गरीबों को धन-दौलत देने से लेकर मस्जिदें बनवाना भी शामिल थे.
अफ्रीकन वेबसाइट africa.com के मंसा के 25 सालों के शासन के दौरान माली के हालात काफी समृद्ध हुए. वहां स्कूल, लाइब्रेरी, पैलेस बनवाए गए. उस दौर की कई इमारतें आज भी मौजूद हैं, जैसे Djinguereber Mosque. माना जाता है कि ये मस्जिद 1327 में बनवाई गई थी. University of Sankore को भी मूसा की ही पहल माना जाता है. ये यूनिवर्सिटी आज भी दुनियाभर के छात्रों को मुस्लिम धर्म के अध्ययन के लिए आकर्षित करती है. 15वीं सदी के मालियन इतिहासकार महमूद कती की किताब Chronicle of the Seeker में इसका जिक्र मिलता है.
कहा जाता है कि 13वीं सदी में उसके पास लगभग 400 मिलियन डॉलर की संपत्ति थी. तब पश्चिम अफ्रीका के इस देश में सोने के अकूत भंडार हुआ करते थे. टाइम मैगजीन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार University of Michigan में हिस्ट्री के प्रोफेसर Rudolph Ware दावा करते हैं कि मूसा की दौलत इतनी ज्यादा थी कि लोग आज तक उसका असल अंदाजा तक नहीं लगा सके.
मूसा की मक्का यात्रा के बारे में खूब कहा-सुना जाता है. मूसा जब 1324ई में मक्का के लिए निकला तो उसके काफिले में लगभग 60 हजार लोग शामिल थे. काफिले के साथ हाथी, घोड़े चला करते. साथ में ऊंट भी होते, हरेक ऊंट पर डेढ़ सौ किलो के लगभग सोना लदा होता. मूसा ये सोना गुजरते हुए जरूरतमंदों को बांटते चलता. यहां तक कि मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजरते हुए मूसा ने वहां इतनी दौलत लुटाई कि वहां एकदम से महंगाई बढ़ गई.
मूसा के बारे में जब ये बातें फैलीं कि वो सोना बांटता है तो उसे देखने के लिए यूरोपियन भी काफिले के रास्ते में आने लगे. दौलत की बात पक्की होने के बाद उस दौर के Medieval world map, Catalan Atlas में मूसा के साम्राज्य का नाम शामिल किया गया. मूसा की ख्याति इतनी फैली कि उसे कई उपाधियां दी गईं. इनमें Lord of the Mines of Wangara और Emir of Melle जैसी उपाधियां शामिल हैं. मूसा प्रथम की मुत्यु पर विवाद है लेकिन माना जाता है कि साल 1337 के आसपास उसकी मृत्यु हुई, जिसके बाद मंसा मेगन ने अपने पिता की गद्दी संभाली, हालांकि उसके बाद माली की हालत खराब होती चली गई.
आज माली अफ्रीका का 7वां बड़ा देश माना जाता है लेकिन इसकी आर्थिक हालत खराब है. देश की आधी से ज्यादा आबादी अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा यानी रोजाना 1.25 डालर से भी कम आमदनी पर गुजारा कर रही है.