ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता ज़फर इक़बाल की सलाह, “हमें जमीनी स्तर पर अधिक खिलाड़ियों को विकसित करना होगा”

नयी दिल्ली: हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी और पूर्व कप्तान जफर इकबाल ने शनिवार को भारत के हाल ही में समाप्त हुए पुरुष हॉकी जूनियर विश्व कप 2021 में निराशाजनक प्रदर्शन पर खेद जताते हुए जमीनी स्तर पर अधिक खिलाड़ियों को विकसित करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत टीम बनने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

1980 की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के सदस्य जफ़र ने जूनियर पुरुष टीम की कमियों को गिनाते हुए कहा कि जिन खिलाड़ियों ने हाल ही में समाप्त हुए जूनियर पुरुष विश्व कप में भाग लिया, उन्हें सीनियर टीम का हिस्सा बनने के लिए बहुत अभ्यास, समन्वय और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता है।

जफ़र ने यहां शनिवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर में नेशनल स्पोर्ट्स असेंबली कार्यक्रम के इतर कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैंने जूनियर पुरुष विश्व कप में किसी ऐसे खिलाड़ी को देखा जो सीनियर टीम में जा सकता है। यह दर्शाता है कि आपके पास प्रतिभाशाली खिलाड़ी होने के बावजूद आपको बहुत अभ्यास, समन्वय और मानसिक दृढ़ता की जरूरत है।”

65 वर्षीय जफ़र इकबाल ने 2016 जूनियर पुरुष विश्व कप का हिस्सा रहे हरमनप्रीत सिंह, जो भारतीय सीनियर टीम के उप कप्तान हैं, का उदाहरण देते हुए कहा कि हरमनप्रीत ने जूनियर स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया और उसके बाद ही वह सीनियर टीम का हिस्सा बने। उन्होंने कहा, “हमें जमीनी स्तर पर अधिक खिलाड़ियों को विकसित करना होगा, ताकि हमारे पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हों। हरमनप्रीत सिंह जैसे खिलाड़ियों ने 2016 जूनियर विश्व कप खेला और इसे जीता। तभी वह सीनियर टीम का हिस्सा बने।”

उल्लेखनीय है कि हरमनप्रीत को वर्ष 2020-21 के लिए एफआईएच की ओर से ‘प्लेयर ऑफ द ईयर’ चुना गया था। इकबाल ने 2021 जूनियर पुरुष विश्व कप में भारत के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रीय टीम की कमजोरियों को स्वीकार करने में कोई गुरेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि टीम के डिफेंस, समन्वय, कन्वर्जन, फील्ड गोल और पेनल्टी कार्नर के जरिए कन्वर्जन करने की कमी थी।

ओलंपियन जफर ने कहा, “भारत एक टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। अगर आप अर्जेंटीना या जर्मनी या यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया जैसी अन्य टीमों से तुलना करें तो उनकी टीम बेहतर थीं और उन्होंने बेहतर खेला। भारतीय टीम बेशक प्रतियोगिता से पहले बेहतर खेल रही होगी, लेकिन अगर आप प्रतियोगिता के दौरान लय खो देते हैं तो आप हारने वाला पक्ष होंगे। टीम में आपस में समन्वय की कमी थी, एक-दूसरे को गेंद पास करना बहुत अच्छा नहीं था। यहां तक ​​कि शॉर्ट कॉर्नर से भी गोलपोस्ट पर निशाने अच्छे नहीं थे, जबकि हमें कई शॉर्ट कॉर्नर मिले।”

हॉकी के दिग्गज ने कहा, “अगर आपके पास ऐसी सभी चीजें नहीं हैं तो आप हार जाएंगे। जाहिर है यह प्रतिभा पर निर्भर करता है। शायद लोग कहेंगे कि हम कोरोना महामारी के कारण हार गए, लेकिन अन्य टीमों के लिए भी स्थिति समान थी। आप कोई बहाना नहीं बना सकते।”

उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम पुरुष हॉकी जूनियर विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंच गई थी, लेकिन यहां फ्रांस से हार गई, जिसने शुरुआती मैच में भी उसे हराया था। जफर ने अफसोस जताया कि फ्रांस से हारने से भारत की कमजोरियां उजागर हो गईं।

उन्होंने कहा, “हम हालांकि भाग्यशाली थे कि हम सेमीफाइनल में पहुंचे और हम सोच रहे थे कि हम कांस्य पदक के लिए फ्रांस के खिलाफ जीतेंगे। अगर आप लोगों को बताएंगे कि फ्रांस ने कांस्य पदक जीता और भारत को हराया तो वे विश्वास नहीं करेंगे। उन्होंने कभी नहीं सुना होगा कि फ्रांस के पास इतनी अच्छी टीम है। दूसरी बार जब उन्होंने हमें हराया तो यह दर्शाता है कि फ्रांस भारत से कहीं बेहतर है। भारत में बहुत हॉकी खेली जा रही है, लेकिन फिर भी फ्रांस ने हमें हरा दिया। इससे पता चलता है कि हमारे पास कहीं कमी थी। डिफेंस, समन्वय, गोल कन्वर्जन, फील्ड गोल और पेनल्टी कॉर्नर के माध्यम से कन्वर्जन में कमजोरियां थीं। स्वाभाविक रूप से अगर आपके पास ये 3-4 चीजें नहीं हैं तो आप हारने वाला पक्ष होंगे। 2016 विश्व कप में हमारे पास बहुत अच्छी टीम थी और उसने कप जीता था।”

जफर ने वर्तमान में ढाका में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में प्रतिस्पर्धा कर रही भारतीय सीनियर पुरुष हॉकी टीम, जो तीन मैचों में सात अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर है, के बारे में कहा, “ सीनियर टीम अच्छा कर रही है। हमने पहला मैच कोरिया के खिलाफ ड्रॉ खेला, लेकिन मेजबान बंगलादेश के खिलाफ दूसरा और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ तीसरा मैच जीता। मुझे यकीन है कि हम टूर्नामेंट जीतेंगे। ”