जमीयत उलमा-ए-हिंद की मदद से विशेष ट्रेन से तमिलनाडू के लिये रवाना हुए तब्लीग़ी जमात के 644 जमाती

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित तब्लीग़ी जमात के मरकज़ में आए जमाती लंबे वक्त समय तक क्वॉरेंटाइन किए गए थे। अब इन्हें अपने घरों की तरफ वापस भेजा जा रहा है. शनिवार दोपहर पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से दिल्ली और उत्तरप्रदेश के अलग-अलग क्वारेंनटीन सेंटरों के 644 जमातियों को एक विशेष ट्रेन के जरिये तमिलनाडू वापस भेजा गया। बता दें कि मरकज़ का मामला सामने आने के बाद 2000 से ज्यादा लोगों को वहां से निकाला गया था जो या तो क़वारन्टीन सेंटरों में थे या फिर अस्पतालों में थे।

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दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तबलीगी जमात के सदस्यों को क्वारेंटीन सेंटरों से उनके घरों को वापस भेजा जाए. सरकार द्वारा इस कार्य के लिए नोडल अधिकारी सुनील बेनवाल को जिम्मेदार बनाया गया है। इन 644 में से, 605 व्यक्ति दिल्ली के सेंटर में थे जबकि 12, नूह, 8, सहारनपुर, 10, संभल और 9 बुलंद शहर में थे।

शनिवार को पुरानी दिल्ली स्टेशन से उनकी रवानगी के समय जमीयत उलेमा-ए-हिंद के स्वंयसेवक और जमीयत यूथ क्लब के युवा उनकी सेवा करने के लिए मौजूद थे। तब्लीग़ी जमात के सदस्यो ने जमीअत के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी को धन्यवाद दिया जिनके प्रयासों से उनके लिए ईद से पहले घर जाना आसान हो गया।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा ट्रेन पर सवार सभी रोज़ादारों के लिए लम्बे सफर में इफ्तार, रात का खाना, सेहरी और पानी उपलब्ध कराया गया था। जमीयत यूथ क्लब के युवाओं ने क्रमशः सभी सीटों पर खाद्य सामग्री पहुंचाए। स्टेशन पर सरकारी कर्मचारी की कमी की वजह से युथ क्लब के लड़के सभी सीटों पर खाना पानी पंहुचा रहे थे.

इससे पहले, जमीयत की टीम इन सभी जमातियों की यात्रा परमिट, उनके लिये वाहन और उन्हें पुरानी दिल्ली ले जाने की व्यवस्था में मदद करती रही। ट्रेन अपने निर्धारित समय से एक घंटे बाद 3:13 बजे रवाना हुई, जो 28 घंटे की यात्रा के बाद चेन्नई के माध्यम से त्रिच्रापाली (त्रिची) पहुंचेगी।

जमीयत उलमा ए हिंद के सचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने बताया कि जमीयत उलेमा तमिलनाडु के कार्यकर्ता मौलाना मंसूर काशीफी, मौलाना खतीब अहमद सईद, हाजी हसन चेन्नई, डॉ अमजद, मौलाना अब्दुल हमीद, हाजी निसार अहमद ने इस मामले में हर संभव मदद की है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सेवकों के लिए यह ख़ुशी की बात है कि वे अपने जमाती भाइयों की सेवा कर रहे हैं। मौलाना महमूद मदनी साहब ने सरकार और प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद दिया है और इनके सफर की मंगल कामना की है।