नई दिल्लीः दिल्ली में लगातार पड़ रही सर्दी के बीच विलायत फाउंडेशन नाम की एक संस्था ने ग़रीबों को ठंड से बचाने का बीड़ा उठाया है। संस्था ने दिल्ली और दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश के ज़िलों में क़रीब पांच हज़ार लोगों को हर साल कंबल और ऊनी वस्त्र बांटने का लक्ष्य रखा है।
विलायत फाउंडेशन मुस्लिम नौजवानों की एक तंज़ीम है जो पिछले कई वर्षों से सक्रिय है। पिछले साल भी संस्था ने कंबल और ऊनी वस्त्रों का वितरण किया था लेकिन इस साल न सिर्फ तादाद बढ़ाने बल्कि मदद का दायरा बढ़ाने का भी फैसला किया गया। संस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि ये कार्य फोटो खिंचवाने या लोकप्रियता हासिल करने के लिए नहीं बल्कि मानवता के नाते किया जा रहा है।
संस्था फुटपाथ पर सोने वालों के अलावा रैन बसेरों और झुग्गी में रहने वालों को लक्ष्य बना कर ये वितरण कर रही है। इस साल लाल क़िला, जामा मस्जिद, कश्मीरी गेट के लिए भजनपुरा, सीलमपुर, मेरठ, ग़ाज़ियाबाद और लखनऊ में भी पात्र लोगों का चयन किया गया जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं।
इसके अलाव संस्था ग़रीब और वंचित तबक़ों के बच्चों की फीस, यूनिफ़ॉर्म के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूल भवन के निर्माण और मरम्मत के काम भी करा रही है। संस्था का कहना है कि वाजिब ज़रूरतमंद सीधा उनसे भी संपर्क कर सकते हैं।
आर्थिक मंदी और बेरोज़गारी की वजह से इस साल ग़रीबों की मुश्किलें बढ़ी हैं। ऐसे में इस तरह के सामाजिक कार्य वंचितों के लिए बहुत हद तक राहत पहुंचाने वाले हैं। ख़ासकर जबकि इलज़ाम लगता है कि मुस्लिम संस्थाएं धर्म के दायरे के बाहर लोगों की मदद नहीं करती हैं, ऐसे में विलायत फाउंडेशन जैसी संस्थाएं कुप्रचार करने वालों के लिए सही जवाब हैं।