लखनऊ: ऐसा लगता है की एक दो दिन में समाजवादी पार्टी की तरफ से रामपुर लोकसभा उपचुनाव कैंडीडेट का रहस्य भी अब खुलने वाला है, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कैंडीडेट तय करने की जिम्मेदारी सपा के वरिष्ठ नेता मुहम्मद आज़म खान पर डाल दी है, सूत्रों की माने तो आज़म खान परिवार से किसी को न लड़ाकर उत्तर प्रदेश के पूर्व गवर्नर अजीज कुरेशी के कैंडीडेट बनाकर एक तीर से कई निशाने साधने के मूड में है!
पूर्व गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी जब उत्तर प्रदेश के राज्यपाल थे जौहर विश्विद्यालय अप्रूव करने को लेकर मोदी सरकार ने बर्खास्त कर दिया था और आज़म खान के हक में अजीज कुरैशी जब रामपुर गए तो योगी सरकार ने इनपर देशद्रोह का मुकद्दमा लगा दिया था, जानकारों की माने तो जौहर विश्विद्यालय और आज़म परिवार पर जुल्म के दौर में रामपुर के लोग अजीज कुरैशी के नाम पर इकठ्ठा हो सकते है!
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां भी रामपुर सीट लूज नही करना चाहते इसलिए उनके लिए उपचुनाव प्रतिष्ठा का विषय बन गया है,पूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी अखिलेश यादव को दिल से पसंद करते है और कांग्रेस से हटकर 2017 विधानसभा 2019 लोकसभा और 2022 विधानसभा में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री देखने लिए पूरे सूबे में सबसे सक्रिय रोल निभाया और अनगिनत मीटिंग की, आज़म खान के जेल में रहते हुए उन्होंने आज़म खा के लिए खुलकर कैंपेन की!
समाजवादी पार्टी एक दो दिनों में नाम पर मुहर लगा सकती है अगर मुहम्मद आज़म खान पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के नाम पर मुहर लगाते है तो एक तो जनता उनके नाम पर वोट देगी दूसरे विश्विद्यालय अप्रूव करने के लिए अखिलेश यादव और आज़म ख़ान पर उनके लिए एहसान का बदला भी चुकाने का यह सही समय और दस्तूर भी है!