देश के सबसे बड़े सेठ मुकेश अंबानी ने पिछले हफ्ते दादागिरी दिखाते हुए हुए बिग बाजार वाले फ्यूचर ग्रुप के 300 स्टोर्स पर रातों रात अपना ताला डालकर कब्जा कर लिया। मीडिया ने बड़े सेठ जी की वाह वाह करनी शुरु कर दी, कि उन्होने हजारों नोकरिया बचा ली, लेकिन दो दिन पहले सेठ जी का दांव उल्टा पड़ गया क्योंकि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने रिलायंस पर जबरन स्टोर कब्जा करने का आरोप लगाया दरअसल यह मामला बिग बाजार वाले बियानी जी के अमेजन के साथ हुए सौदे के कारण सुप्रीम कोर्ट में उलझा हुआ था और रिलायंस के मुकेश अंबानी दाल भात में मूसलचंद बनकर बीच में कूद पड़े और जबरन 300 दुकानों पर कब्जा कर लिया।
इस संबंध मे ऐमजॉन ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया जो कई अखबारों मे भी छपा इसमें कहा गया कि कंपनी के निदेशक मंडल ने रिलायंस समूह को यह भी सूचित किया कि बुनियादी ढांचा, माल भंडार आदि जैसी फ्यूचर ग्रुप से संबंधित संपत्तियां इन दुकानों के अंदर पड़ी है। इसे एफआरएल के कर्जदाताओं के पक्ष में सुरक्षित रखा जाए।
2019 में अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के साथ एक डील की थी। इसके बाद Amazon ने फ्यूचर ग्रुप के गिफ्ट वाउचर की यूनिट में भारी निवेश किया था। इस बीच रिलायंस ने दीवालिया होते फ्यूचर ग्रूप को पूरा खरीद लिया लेकिन एमेजॉन ने इस डील के खिलाफ अपील की ओर अमेजन के पक्ष में सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस रिटेल के साथ 27,513 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक लगाने का निर्देश दिया लेकिन रिलायंस नही माना इसलिए अमेजन ने भारत के दिल्ली हाईकोर्ट में यह मामला दाखिल किया हाईकोर्ट से यह मामला सुप्रीम कोर्ट को सौप दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 27,513 हजार करोड़ की डील पर रोक लगा रखी थी यह मामला चल ही रहा था कि सेठ जी ने यह 300 स्टोर्स को कब्जाने का कदम उठा लिया।
यह मामला अब दुनिया के दो सबसे बड़े सेठों मुकेश अंबानी और जेफ बेजोस के बीच नाक की लड़ाई बन गया है, हालांकि मोदी जी के सपोर्ट की वजह से अम्बानी भारी पड़ते नजर आ रहे हैं.
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार एंव आर्थिक मामलों के जानकार हैं)