गिरीश मालवीय
आखिर ऐसा क्या हुआ जो NEET और JEE के एग्जाम सरकार किसी भी कीमत पर कराने पर तुली हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कोटा फैक्ट्री! दरअसल बहुत से लोग नही जानते कि कोटा के जानेमाने कोचिंग संस्थानों की बहुत तगड़ी लॉबिंग है और उनके साथ अब इस वक्त प्राइवेट इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के हित भी शामिल है। सब जानते है कि यह दोनों एक सेशन लेट होने की कीमत नही उठा पाएंगे, राजस्थान का कोटा पूरे देश में इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी का गढ़ बन चुका है। कोरोना महामारी के कारण करीब 3400 करोड़ के कोटा कोचिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है।
कोचिंग सेंटर्स के मालिकों का प्रेशर है यह एग्जाम मई में होनी थी अब यह सितंबर में हो रही है अगर परीक्षाएं इससे ज्यादा टाली जाएगी तो लगभग चार महीने से बंद चल रहे उनकी कोचिंग में बोझ पड़ेगा। इससे न तो नए स्टूडेंट्स आएंगे बल्कि उन्हें पहले एडमिशन पाए छात्रों को अधिक पढ़ाना होगा इससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। यही स्थिति प्राइवेट कॉलेज के साथ भी है नए एडमिशन होंगे तो ही वह सरवाइव कर पाएंगे वैसे भी अब मेडिकल की आधी सीटें प्राइवेट हो चुकी हैं। अगर एग्जाम नहीं होता है और सेशन लैप्स होता है तो निजी मेडिकल कॉलेजों को करोड़ों रुपये कैपिटेशन फीस से लेकर अन्य शुल्कों का नुकसान उठाना पड़ेगा, परीक्षाएं समय से होगी तो ही अगला एकेडमिक सेशन शुरू होगा नही तो सब हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहेंगे। छात्र इस मामले में इतने संगठित नही है जितनी संगठित कोचिंग ओर प्राइवेट कालेज वाली लॉबी है कोटा के प्रतिनिधि सदन के सबसे उच्च स्थान पर आसीन है इसलिए यह एग्जाम तो होकर ही रहेगी।
कोरोना और भारत
ब्राजील को पीछे छोड़कर भारत ने दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है. लगभग 90 हजार केस आए है पिछले 24 घण्टे में, अमेरिका ब्राजील में इसके आधे भी केस नही है बाकी किसी भी देश में इस अवधि में कल 10 हजार से ज्यादा केस नही है. जब 24 मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर लॉक डाउन की घोषणा की थी आपने तो मोदी जी आपने कहा था कि महाभारत 18 दिनों में जीता गया था, कोरोनावायरस युद्ध जीतने में 21 दिन लगेंगे. उस दिन आपने कहा था कि आज कोराना के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं. हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए. आपने युद्ध तो जीता नही बल्कि पूरी दुनिया मे भारत को सबसे बुरी स्थिति में पुहंचा दिया है.