कुवैत मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ता ने क्यों की इन दो भारतीय राजनेताओं की आलोचना!

नई दिल्लीः कुवैत मानवाधिकार आयोग के कार्यकर्ता महामिल मुजबिल शरीका ने भारत के मुस्लिम राजनेता असदुद्दीन ओवैसी की आलोचना की है। महामिल मुजबिल शरीका ने असदुद्दीन ओवैसी पर भारत के मुसलमानों की आवाज को दबाने का आरोप लगाया है।

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महामिल मुजबिल शरीका ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और हैदराबाद से लोकसभा के सांसद और मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ब्लॉक कर दिया है क्योंकि वह भारत में मुसलमानों के विरुद्ध हो रहे लगातार अत्याचार पर इन्हें बोलने के लिए कह रहे थे। महामिल मुजबिल शरीका ने दोनों नेताओं की तरफ से ब्लॉक की गई तस्वीरों को भी पोस्ट किया।

 उन्होंने अपने ट्वीट में जो लिखा, यहां हम उसका हूबहू हिंदी अनुवाद दे रहे हैं: “हिंदुत्व दक्षिणपंथी और मुस्लिम वामपंथी दोनों नहीं चाहते कि मैं भारत की उत्पीड़ित मुस्लिम महिलाओं के बचाव में सच बोलूं।  दुनिया उनकी मिलीभगत और उनके असली चेहरों को देख सकती है.  भारतीय मुसलमानों के लिए खुद सच्चाई देखने का समय!”

महामिल मुजबिल शरीका भारत में हिजाब के मुद्दे के पश्चात पैदा हुए तनाव पर लगातार ट्विटर पर लिख रहे हैं। उन्होंने कुवैती सांसदों के हस्ताक्षरित पत्र को संयुक्त राष्ट्र में भेज कर भारत में मुस्लिम उत्पीड़न पर कार्रवाई के लिए लिखा है। उनके ट्वीट के जवाब में कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम उत्पीड़न पर बोलना चाहिए लेकिन उनकी चुप्पी से हमें नुकसान हो रहा है।