लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनके साथ 52 मंत्रियों ने शपथ ली जिनमें 2 उप-मुख्यमंत्री, 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री शामिल हैं। शपथ लेने वाले मंत्रियों में जिस चेहरे का जिक्र बार-बार किया जा रहा है, वह चेहरा दानिश आज़ाद का है। जिन्होंने आज इकाना स्टेडियम मे मंत्री के रूप में शपथ ली है। दानिश किसी सदन का हिस्सा नहीं है, कयास लगाया जा रहा है कि उन्हें एमएलसी बनाया जाएगा।
दानिश यूपी सरकार में इकलौते मुसलमान मंत्री हैं। वे उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं भाजपा के छात्र संगठनअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें योगी सरकार की पिछली सरकार में भी सिर्फ़ एक ही मुस्लिम मंत्री थे जिनका नाम मोहसिन रज़ा था। 32 वर्षीय दानिश आज़ाद अंसारी लखनऊ यूनिवर्सिटी में एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति करते रहे हैं।
दानिश आज़ाद अंसारी मूल रूप से बलिया के अपायल गांव के रहने वाले हैं। उनके क़रीबीपिंटू ख़ान ने बताया कि, “हमारे दादा मोहम्मद ताहा अंसारी सुखपुरा गांव के जूनियर हाई स्कूल में शिक्षक थे और उनकी आसपास के गांवों में काफ़ी प्रतिष्ठा थी। दादा का असर ही दानिश आज़ाद पर पड़ा है और उन्हें शुरुआती पहचान उन्हीं के नाम से मिली है।”
12 वीं करने के बाद आए लखनऊ
दानिश के पिता समीउल्लाह अंसारी अभी बलिया में ही रहते हैं। दानिश ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव अपायल के प्राइमरी स्कूल से ही हासिल की थी। बलिया से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद दानिश अंसारी ने साल 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया। यहीं से उन्होंने मॉस्टर ऑफ़ क्वालिटी मैनेजमेंट और मॉस्टर ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की।
दानिश अंसारी जनवरी 2011 में छात्र संगठन ABVP के साथ जुड़ गए थे। दानिश आज़ाद अंसारी ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा है। दानिश को जानने वाले बताते हैं कि यहीं से वो राजनीति में सक्रिय हुए और उनके नाम के साथ ‘आज़ाद’ जुड़ गया क्योंकि वो अपने विचार पूरी आज़ादी से व्यक्त करते थे।
पिंटू ख़ान बताते हैं, “ABVP से जुड़ने के बाद दानिश ने अपनी पहचान बनानी शुरू की। वो खुलकर बोलते थे और लोगों को प्रभावित करते थे। यहीं से उनके नाम के साथ आज़ाद भी जुड़ गया।” दानिश ने मुसलमान युवाओं के बीच राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी और हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों का प्रसार करना शुरू किया। उन्होंने मुसलमान युवाओं के बीच संघ की विचारधारा को फैलाने के लिए काम किया और इसी से उनकी पहचान बनती चली गई।
उन्हें पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश महामंत्री भी बनाया गया था। दानिश अपने पिता के इकलौते बेटे हैं और शादीशुदा हैं। उनकी एक बहन भी है जिसकी शादी हो चुकी है। दानिश एक पारंपरिक मुसलमान परिवार से आते हैं जिसकी अपने क्षेत्र में अच्छी पहचान रही है। दानिश के माता-पिता दोनों ही हज कर चुके हैं और धार्मिक हैं।