नई दिल्लीः बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता एंव दिवंगत केंद्रीय मंत्री सुनील दत्त और दिलीप कुमार बहुत अच्छे दोस्त थे। सुनील दत्त अक्सर दिलीप कुमार की तारीफ भी करते थे। दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी भी थे। सुनील दत्त ने एक बार बताया था कि जब भी वह परेशान हुआ करते थे तो दिलीप साहब के घर चले जाया करते थे। ऐसा भी मौक़ा कई बार आया जब सुनील दत्त ने अपनी परेशानी दिलीप कुमार को सुनाई और दिलीप साहब उनकी परेशानी पर भावुक हो गए।
एक बार सुनील दत्त ने ऐसा ही एक किस्सा टीवी शो ‘जीना इसी का नाम है’ में सुनाया था। इस शो में सुनील दत्त ने कहा था, ‘एक चीज मैंने तब देखी थी जब संजू (संजय दत्त) को परेशानी हो गई थी। सायरा जी और दिलीप साहब संजू को अपने बच्चे की तरह प्यार करते थे। संजय की परेशानी के बारे में मैं जब कई बार दिलीप साहब को बताता था तो इनकी आंखों में आंसू देखता था। यूसुफ साहब (दिलीप कुमार) ऐसा महसूस करते थे जैसे उनके बच्चे को तकलीफ हो रही है।’
जब छलक उठे थे दिलीप साहब के आंसू
दिलीप कुमार साहब की पत्नी सायरा बानो भी बताती हैं, ‘सिर्फ यूसुफ साहब और मैं ही नहीं मेरी मां और सास तक के पास मैं रात को ‘खुदा हाफिज़’ कहने के लिए जाती थी। मैंने अपने परिवार को उन सभी लोगों को रातभर करवटें लेते हुए देखा है। वो सभी लोग रात को नमाजें पढ़ते और संजू के लिए दुआ करते थे। मुझे लगता है कि हमारा पूरा परिवार ही दत्त परिवार को बहुत मोहब्बत करता है। सभी लोग इनके लिए बहुत चिंतित रहते थे।
दिलीप कुमार ने कहा था, ‘फिल्मों में तो आपने देखा ही है कि कैसे चेहरे बदल जाते हैं। सुनील दत्त को पता नहीं कैसे बने-बनाए हालात ने घेर लिया था। ये बहुत हिम्मत की बात है कि आगे बढ़ते रहना। ये बात भी बहुत कम लोगों से करता था। सिर्फ उन्हीं लोगों से बात करता था जो इसके अपने हों। हम लोग तो ऐसे लोग हैं जो हर मुसीबत को लांघना जानते थे। हमें कभी भी परेशानियां झुका नहीं पाईं।’ इतने में सायरा बानो कहती हैं, ‘इन दोनों के जैसे एक्टर और लोग अब होते ही नहीं हैं।’
(जनसत्ता के इनपुट से)