युवा शटलर तसनीम मीर अंडर-19 बीडब्ल्यूएफ गर्ल्स सिंगल्स में दुनिया की नंबर खिलाड़ी बन गई हैं। उन्हें नंबर एक रैंक मिला है। तसनीम नंबर एक रैंकिंग में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला शटलर बन गई हैं। तसनीम मीर अभी सिर्फ 16 साल की हैं। मीर तीन पायदान की छलांग लगाकर महिला एकल जूनियर विश्व रैंकिंग में 10,810 अंकों के साथ शीर्ष पर पहुंच गई हैं।
इस सफलता के साथ, तसनीम कुछ ऐसा करने में कामयाब रहीं जो अब तक किसी भी भारतीय महिला शटलर ने नहीं किया है। इस सूची में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु और लंदन की कांस्य पदक विजेता साइना नहवाल भी शामिल हैं। बीडब्ल्यूएफ जूनियर रैंकिंग 2011 में शुरू हुई थी। उस समय साइना जूनियर होने के कारण इसमें शामिल नहीं हो पाई थीं, जबकि सिंधु अपने अंडर-19 दिनों के दौरान जूनियर्स में दुनिया की नंबर 2 थीं।
ब्वाय एकल में तीन शटलर लक्ष्य सेन, सिरिल वर्मा और आदित्य जोशी विश्व के नंबर एक खिलाड़ी बन चुके हैं। गुजरात की रहने वाली तसनीम ने 4 जूनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीते हैं, जिनमें से 3 बुल्गारिया जूनियर चैंपियनशिप, आल्प्स इंटरनेशनल और बेल्जियम जूनियर 2021 है।
तसनीम ने छह साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। उनके पिता इरफान ने कहा कि तसनीम ने छह साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू किया। एक समय था जब वह खेलना बंद करने पर विचार करर ही थीं, लेकिन प्रायोजकों के आने के बाद उन्होंने इरादा तर्क कर दिया।
खेल ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट
उन्होंने कहा, ‘मेरा लंबे समय का लक्ष्य सीनियर सर्किट में भी अपनी रैंकिंग सुधारना है ताकि मैं ओलंपिक में हिस्सा ले सकूं और भारत का प्रतिनिधित्व कर सकूं। इसलिये मेरा मुख्य लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा सीनियर टूर्नामेंट में खेलकर उनमें अच्छा प्रदर्शन करना है ताकि मेरी रैंकिंग सुधर सके।’
तसनीम ने किया बड़ा करिश्मा
गुजरात की 16 साल की तस्नीम को पिछले साल शानदार प्रदर्शन का फायदा मिला, जिसमें उन्होंने तीन जूनियर इंटरनेशनल टूर्नामेंट जीते थे, जिससे वह तीन पायदान के फायदे से जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप स्थान हासिल करने में सफल रहीं। इससे पहले यह उपलब्धि किसी भी भारतीय जूनियर महिला खिलाड़ी ने हासिल नहीं की थी जिसमें दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना नेहवाल भी ऐसा नहीं कर सकीं।
जीते थे तीन टूर्नामेंट
तसनीम मीर ने गुवाहाटी से पीटीआई से कहा, ‘मैं यह नहीं कह सकती कि मुझे इसकी उम्मीद थी। मैंने सोचा कि मैं नंबर एक नहीं बनूंगी, क्योंकि टूर्नामेंट कोविड-19 से प्रभावित हो रहे थे, लेकिन मैंने बुल्गारिया, फ्रांस और बेल्जियम में तीन टूर्नामेंट जीते थे, इसलिए मैं दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनकर काफी खुश और रोमांचित हूं।’ लड़कों के एकल वर्ग में लक्ष्य सेन, सिरिल वर्मा और आदित्य जोशी नंबर एक खिलाड़ी बने थे।