बर्मिंघम: भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट में हार के बाद टेस्ट मैच “ठीक तरह खत्म” करने पर जोर दिया है। भारत ने साल 2022 में विदेशी जमीन पर एक भी टेस्ट नहीं जीता है। इंग्लैंड से एजबेस्टन टेस्ट हारने से पहले भारत को इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका से भी दो टेस्ट मैच मैचों में शिकस्त मिली थी।
द्रविड़ ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, “यह हमारे लिये निराशाजनक रहा है। हमारे पास दक्षिण अफ्रीका में भी दो अवसर थे और यहां भी। मेरा मानना है कि हमें इस ओर ध्यान देने की और काम करने जरूरत है।” उन्होंने कहा, “हम पिछले कुछ सालों में 10 विकेट लेकर मैच जीतने में कुशल रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में हम वह नहीं कर पाए। इसके कई कारण हो सकते हैं। शायद हमें पूरे मैच के दौरान अपनी मानसिकता और प्रदर्शन एक जैसा रखने की आवश्यकता है।”
भारत ने एजबेस्टन टेस्टी की पहली पारी में 132 रन की बढ़त हासिल की थी, लेकिन दूसरी पारी में महज 245 रन पर आउट होकर उसने इंग्लैंड को मैच में वापसी करने का मौका दिया। द्रविड़ ने इस बारे में कहा कि उनकी ने फ्रंट फुट पर मैच शुरू करती है, लेकिन मैच के अंत तक प्रदर्शन का वह स्तर बरकरार नहीं रख पाती जो इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में हुआ।
द्रविड़ ने कहा, “दूसरी पारी में हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। अगर आप विदेशों में पिछले तीन टेस्ट मैचों की तीसरी पारियों को देखें तो बल्लेबाजी अच्छी नहीं रही है।” उन्होंने कहा, “दोनों क्षेत्रों में, हमने टेस्ट मैचों की अच्छी शुरुआत की है, लेकिन हम इन्हें अच्छी तरह से समाप्त नहीं कर पाए। हमें इसमें बेहतर होने की जरूरत है और निश्चित रूप से सुधार करने की जरूरत है।”
चौथी पारी में विकेट निकालने में भारत की असफलता के बाद टीम में अश्विन को शामिल न करने पर भी सवाल उठे। द्रविड़ ने टीम में अश्विन की जगह शार्दुल को शामिल करने पर कहा, “अंत में, आप हमेशा चीजों को देख सकते हैं और अपनी टीम के संयोजन को देख सकते हैं। शार्दुल ने इन मैचों में हमारे लिए अच्छा प्रदर्शन किया है।”
उन्होंने कहा, “अश्विन जैसे खिलाड़ी को टेस्ट मैच में रखना हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन जब हमने पहले दिन विकेट की ओर देखा, तो उस पर घास का आवरण भी काफी अच्छा था। हमें लगा कि इसमें तेज गेंदबाजों के लिए काफी संभावनाएं हैं। मैच के आखिरी दिन तक भी विकेट पर ज्यादा स्पिन नहीं थी। चाहे जैक लीच ने गेंदबाजी की हो या रवींद्र जडेजा ने।”
द्रविड़ ने कहा कि पहले दिनों में मौसम ने एक भूमिका निभाई थी। सूरज लंबे समय के लिये न निकलने के कारण विकेट उतना नहीं टूटा जितना उन्होंने उम्मीद की थी। कोच द्रविड़ ने कहा, “पांचवें दिन पीछे मुड़कर देखना और यह कहना आसान है कि चौथी पारी में दूसरा स्पिनर होना अच्छा होता, लेकिन यह साबित करने के लिये हमारे पास कोई सबूत नहीं है।”