बिहार के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने भारतीय सेना के एक जवान को पाकिस्ताने के लिये जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। बिहार एटीएस द्वारा गिरफ्तार गणेश कुमार को पटना के खगौल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ खगौल थाने में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। बिहार एटीएस ने यह कार्रवाई इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) की रिपोर्ट के आधार पर की है।
गिरफ्तार जवान गणेश कुमार पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी महिला जासूस के संपर्क में था और भारतीय सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी साझा कर रहा था। महिला जासूस, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, पुलिस का कोई भी बड़ा अधिकारी गिरफ्तारी के मसले पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर रहा है।
मेडिकल टीम का हिस्सा है गणेश
प्राप्त जानकारी के अनुसार गणेश कुमार मूल रूप से नालंदा जिला में अस्थावां का रहने वाला है। वह सेना के मेडिकल कोर टीम का हिस्सा था और फिलहाल महाराष्ट्र के पुणे में तैनाथ था। खुफिया विभाग (आइबी) की रिपोर्ट के बाद छठ के दो दिन पहले से ही बिहार एटीएस की टीम उसके पीछे लगी थी। पूरे मामले की छानबीन करने के बाद बीते रविवार को उसे खगौल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सेना के जवान ने पूछताछ में पाकिस्तानी महिला से संबंध की बात स्वीकार की है। उसने बताया कि महिला ने नाम बदलकर करीब दो साल पहले उससे फेसबुक पर दोस्ती की थी। उस समय वह राजस्थान के जोधपुर में तैनात था। महिला ने खुद को नेवी की मेडिकल टीम का स्टाफ बताया था। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती बढ़ती गई। महिला जासूस ने सेना के अस्पताल और चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ी जानकारी ली थी। दोनों की फोन पर भी बातचीत होती थी। एटीएस की टीम गणेश के मोबाइल फोन का डाटा भी खंगाल रही है। फेसबुक पर जवान की प्रोफाइल गणेश कुमार मुकेश के नाम से है। जवान के फेसबुक प्रोफाइल से चैटिंग की भी पड़ताल की जा रही है।
फिर वही हनी ट्रैप
हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को जानकारी देने वाले गणेश के बार में भी हनी ट्रैप में फंसने की बात कही जा रही है। हनी ट्रैप एक तरह की जालसाजी है। इसमें खूबसूरत महिलाओं के जरिए दोस्ती कर महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की जाती हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आइएसआइ) कई सालों से यह हरकत कर रही है। पिछले कुछ सालों में सेना के कई जवान इसके शिकार हुए हैं, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी की गई है। हनी ट्रैप के बढ़ते मामलों को देखते हुए कुछ साल पहले भारतीय सेना ने जवानों के इंटरनेट मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई थी।