किसान क्रांतिदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेश मिश्रा ने वसीम रिज़वी के धर्म परिवर्तन को ड्रामा करार दिया है। उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी तथाकथित ‘धर्म परिवर्तन’ के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बन गये! वो भी RSS के माध्यम से! हम सभी जानते हैं कि ये ड्रामा है। पर एक बार गंभीरता से ले भी लिया जाये–तो मै साफ कर दूं कि ऐसे कोई भी सनातन धर्म नही अपना सकता। आप सनातनी आदर्शों की इज्ज़त करिये, वो अपने मज़हब मे रह कर भी कर सकते हैं।
अमरेश मिश्रा ने कहा कि RSS कोई धार्मिक संगठन नहीं है। उसके पास किसी को हिंदू बनाने न बनाने की authority नहीं है। सनातन धर्म मे चार धाम हैं: बद्रीनाथ (उत्तर), द्वारिका (पश्चिम), पुरी (पूरब) और श्रिंगेरी (दक्षिण)। इन चारों के शंकराचार्यों के पास ही किसी को सनातन धर्म मे समाहित करने की authority है। शंकराचार्यों को राजनीति से कोई मतलब नहीं है। ये विशुद्ध धार्मिक हैं–और कई बार RSS को सनातन धर्म का राजनीतिक इस्तेमाल करने से रोक चुके हैं। यहां तक की RSS, एक अलग पंथ भी घोषित हो चुका है।
उन्होंने बताया कि इस समय द्वारिका और बद्रीनाथ, यानी उत्तर और पश्चिम, के शंकराचार्य एक हैं: स्वामी सवरूपानंद सरस्वती जी महाराज। स्वामी जी के मुख्य प्रवक्ता, काशी मे बसे स्वामी अविमुकतेशवरानंद जी हैं। वसीम रिज़वी को RSS छोड़ सवरूपानंद या अविमुकतेशवरानंद की शरण मे जाना चाहिये! अगर उनके दिल मे सच्ची श्रद्धा है तो! शंकराचार्य ये भी कह सकते हैं कि वसीम–तुम दुनियादारी, पद इत्यादी छोड़ कर पहले दंडी स्वामी बनो!