दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कहा है कि वह कोविड-19 वैक्सीन की अपनी एक मिलियन (दस लाख) खुराक वापस ले। इकनोमिक टाइम्स ने मंगलवार (आज, 16 फरवरी 2021 को) खबर दी है। इससे पहले खबर आई थी कि अपने टीकाकरणऩ कार्यक्रम में वह आस्ट्रा जेनेका के टीके नहीं लगाएगा। रायटर ने इसपर कंपनी से प्रतिक्रिया मांगी तो कंपनी ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इस बीच पश्चिम बंगाल से खबर है कि 24 दिन में राज्य में लक्ष्य के 42 प्रतिशत लोगों को ही टीका लगाया जा सकता है।
ब्लूमबर्ग क्विंट डॉट कॉम के अनुसार, भारत में 15 फरवरी की शाम 6.00 बजे तक 8.4 मिलियन लोगों को टीका लग चुका था। यह अमेरिका (52.8 मिलियन) और चीन (40.5) मिलियन तथा यूनाइटेड किंगडम (15.6 मिलियन) से बहुत कम है खासकर इसलिए भी कि यहां प्रचार ज्यादा था और सबसे पहले टीका बनाने और टीकाकरण शुरू करने जैसे दावे किए जा रहे थे। टीके की दो खुराक लगनी है। पहली खुराक कुल लक्ष्य समूह के 3.4 प्रतिशत को लगी है। दूसरी खुराक 28 दिन के बाद लगनी है और भारत में 13 फरवरी से शुरू हुई थी। अभी तक सिर्फ 97,732 (लाख भी नहीं) को दोनों खुराक लग चुकी है।
टीका लगवाने वालों में चार फरवरी तक प्रतिकूल स्थिति के 48,483 मामले हुए थे। इनमें 8402 अकेले कोविशील्ड के कारण हैं। प्रतिकूल मामलों में 35 को अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा और 28 की मृत्यु हो गई। प्रतिशत में यह संख्या बहुत कम है लेकिन अभी टीका भी बहुत कम लोगों को लगा है। सरकार ने कहा है कि इसका संबंध टीके से नहीं है पर जांच चल रही है। सरकार के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 58 प्रतिशत लोगों ने टीका लगवाने के लिए पंजीकरण कराया है। भारत में टीका लगवाने वालों का प्रतिशत लक्ष्य के मुकाबले क्या रहा इसका सीधा जवाब किसी खबर में अभी तक नहीं मिला है। प्रचारकों के राज में सब बल्ले-बल्ले हो तो खूब छपता है लेकिन जब मामला ठंडा पड़ने लगता है तो उत्साह भी ठंडा हो जाता है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, ये उनके निजी विचार हैं)